विज्ञापन
This Article is From Jul 09, 2017

मालाबार अभ्यास में होगा दुश्मन की पनडुब्बी को मार गिराने पर फोकस, चीन की टेढ़ी नजर

चीन से जारी तनातनी के बीच भारत, अमेरिका और जापान की नौसेना सोमवार से चेन्नई के पास बंगाल की खाड़ी में संयुक्त अभ्यास करने जा रही है.

मालाबार अभ्यास में होगा दुश्मन की पनडुब्बी को मार गिराने पर फोकस, चीन की टेढ़ी नजर
भारत, अमेरिका और जापान की नौसेना सोमवार से चेन्नई के पास बंगाल की खाड़ी में संयुक्त अभ्यास करेगी...
नई दिल्ली: चीन से जारी तनातनी के बीच भारत, अमेरिका और जापान की नौसेना सोमवार से चेन्नई के पास बंगाल की खाड़ी में संयुक्त अभ्यास करने जा रही है. हर साल होने वाले मालाबार अभ्यास में विमानवाहक पोत, लड़ाकू विमान, पनडुब्बी और जंगी जहाज भी हिस्सा लेंगे. ये अभ्यास 1992 से शुरू हुआ है और तब से बिना रोक-टोक जारी है. कभी अमेरिका तो कभी जपान तो कभी भारत में होता है. इस अभ्यास का मकसद तीनों सेनाओं के बीच ऑपरेशन के दौरान बेहतर तालमेल और विश्वास बहाली है. ये अभ्यास आने वाले वाले दस दिनों तक चलेगा जिसमें समंदर में ताकत के साथ तकनीक दिखेगी.  
    
malabar exercise
अभ्यास दस दिनों तक चलेगा जिसमें समंदर में ताकत के साथ तकनीक दिखेगी.  

इस अभ्यास में भारत की ओर से सबसे बड़ा विमानवाहक पोत विक्रमादित्य की अगुवाई में छह से सात युद्धपोत और और एक पनडुब्बी शामिल होंगे. विक्रमादित्य पर मिग-29 के लड़ाकू विमान तो होंगे ही. वही अमेरिका की ओर से 100,000 टन वजनी विमानवाहक पोत निमित्ज के साथ साथ तीन से चार विध्वसंक (डिस्ट्रॉयर ) और परमाणु पनडुब्बी शामिल होंगे. यूएसए विमानवाहक पोत एफ -18 लड़ाकू विमान से लैस होंगे. जापान की ओर से 27 हजार टन वजनी हेलिकॉप्टर करियर इजुमो के अलावा और भी कई युद्धपोत लेकर आ रहा है.  इस बार के युद्धाभ्यास की सबसे बड़ी खासियत ये होगी कि पहली बार ऐसा होगा कि तीन विमानवाहक पोत हिस्सा लेंगे. इसमें अमेरिका का निमित्ज, भारत का आईएनएस विक्रमादित्य और जापान का इजुमो विमान वाहक पोत शामिल होगा.
 
malabar exercise
इस अभ्यास में भारत की ओर से सबसे बड़ा विमानवाहक पोत विक्रमादित्य शामिल होगा.

इस बार युद्धभ्यास का फोकस है  एन्टी सबमरीन ऑपरेशन यानी कैसे मिलकर दुश्मन की पनडुब्बी को मार गिराया जाए. हिंद महासगार के बंगाल की खाड़ी में होने इस युद्धभ्यास पर चीन की काफी टेढ़ी नजर है. वो हमेशा इस अभ्यास को संदेह से देखता है कि उसे लगता है ये सब उसको घेरने के लिए किया जा रहा है क्योंकि इन देशों का चीन के साथ किसी ना किसी मुद्दे पर विरोध रहा है. जाहिर है ऐसे वक्त में जब भारत की चीन के साथ टकराव जगजहिर है ऐसे में तीनों देशों की नौसेना मिलकर संयुक्त अभ्यास करने से चीन का अखरना लाजिमी है.       

 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com