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This Article is From Aug 10, 2021

दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी के घर से 1948 में मिला महावीर चक्र हुआ चोरी, सीसीटीवी में कैद हुई घटना

1948 में पाकिस्तान से युद्ध के दौरान सीने पर गोली खाकर दुश्मनों से सामना करने वाले लेफ्टिनेंट जरनल मनमोहन खन्ना को मिला महावीर चक्र उनकी बेटी के घर से चोरी हो गया. पुलिस मामले की जांच में जुटी है.

दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी के घर से 1948 में मिला महावीर चक्र हुआ चोरी, सीसीटीवी में कैद हुई घटना
दिल्ली के घर से चोरी हुआ महावीर चक्र, पुलिस जांच में जुटी
नई दिल्ली:

दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी से लेफ्टिनेंट जनरल का 1948 में मिला महावीर चक्र चोरी हो गया है. 1948 में पाकिस्तान से युद्ध के दौरान सीने पर गोली खाकर दुश्मनों से सामना करने वाले लेफ्टिनेंट जरनल मनमोहन खन्ना को मिला महावीर चक्र उनकी बेटी के घर से चोरी हो गया. सीसीटीवी फुटेज में कैद 2 चोर रात के वक्त डिफेंस कॉलोनी में बेटी घर में घुसे और कीमती सामान के साथ महावीर चक्र भी ले गए. चोरी की शिकायत लेफ्टिनेंट जनरल मनमोहन खन्ना के दामाद रिटायर्ड ब्रिगेडियर अर्जुन सिंह ने की.

मनमोहन खन्ना की बेटी अपने पति रिटायर्ड ब्रिगेडियर अर्जुन सिंह के साथ डिफेंस कॉलोनी में रहती हैं. इनके बच्चे विदेश में रहते हैं. इनका घर देहरादून में भी है,पिछले 2 महीने से यह लोग देहरादून के अपने घर में थे. 27 जुलाई को इनके रिश्तेदारों ने बताया कि इनके घर में चोरी हो गई है.

दोनों पति-पत्नी चोरी की सूचना मिलने के बाद देहरादून से दिल्ली आए. उसके बाद पता लगा कि 23 जुलाई को घर के कई कीमती सामानों के साथ-साथ उनके ससुर की धरोहर महावीर चक्र भी चोरी हो गया है, घर के एक सीसीटीवी कैमरे में 2 चोरों की तस्वीर साफ नज़र आ रही है, परिवार ने इस घटना को लेकर डिफेंस कॉलोनी थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया है, लेकिन काफी दिन बीतने के बाद भी ना तो चोरों का कोई सुराग लगा है और ना ही महावीर चक्र के बारे में कुछ पता चला है. लिहाजा परिवार चाहता है कि दिल्ली पुलिस महावीर चक्र को खोजने में ज्यादा से ज्यादा कोशिश करें क्योंकि यह इस परिवार का की धरोहर है और इसे ये लोग किसी म्यूजियम में देना चाहते हैं ताकि इसे देखकर सेना के जवानों का हौसला बढ़ सके.

परिवार के मुताबिक- सन 1948 में लेफ्टिनेंट जनरल मनमोहन खन्ना जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान के खिलाफ जंग पर थे. उनके सभी साथी मारे गए थे. लेफ्टिनेंट कर्नल अकेले ही पाकिस्तानी आर्मी के सामने भीड़ गए. उनके सीने पर पाकिस्तान आर्मी की गोली लग गई, उन्हें लगा कि अब बचना मुश्किल है, बावजूद इसके वह पाकिस्तानी सेना के सामने अकेले ही डटे रहे. थोड़ी देर बाद इंडियन आर्मी की दूसरी टुकड़ी आई इसके बाद लेफ्टिनेंट जनरल मनमोहन खन्ना को अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी जान बची. बहादुर योद्धा के इस बहादुरी के कारण भारत सरकार द्वारा 1948 में महावीर चक्र का सम्मान दिया गया था. वो भले आज इस दुनिया में नहीं है लेकिन यह प्रतीक चिन्ह उनके परिवार के सम्मान का  है
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