हैदराबाद:
जो बापू अंग्रेज़ों से बख़ूबी लड़ गए, उनकी प्रतिमा आज़ादी के इतने साल बाद एक बार से हार गई। जिस शराबबंदी के लिए बापू ताउम्र लड़ते रहे, आज उनकी प्रतिमा और शराब के एक बार की लड़ाई में बाजी बार के हाथ लगी है।
गुंटूर की एक सड़क पर बापू की प्रतिमा पिछले 23 सालों से लगी थी। लेकिन जब यहां बार खुला तो कुछ लोगों ने आपत्ति उठाते हुए कहा कि बापू की प्रतिमा के पास बार नहीं खुल सकता। मामला प्रशासन तक पहुंचा और प्रशासन ने बार की जगह बापू की प्रतिमा को हटाना बेहतर समझा।
वहीं बापू की मूर्ति को हटाने वाली नगर पालिका की सफ़ाई भी दिलचस्प है। नगर पालिका के मुताबिक उन्होंने बापू की प्रतिमा के अधिकृत होने या न होने पर नोटिस जारी किया था। लेकिन जब किसी ने कोई आपत्ति नहीं की तो प्रतिमा को यहां से हटा कर शहर के दूसरे हिस्से में लगा दिया गया।
गुंटूर के इस बार के सामने अभी दो और मुश्किलें खड़ी हुई हैं। बार से 100 मीटर के अंदर एक मंदिर और मस्जिद भी है। ऐसे में लोग कह रहे हैं कि क्या बापू के बाद अब नंबर भागवान का आने वाला है।
गुंटूर की एक सड़क पर बापू की प्रतिमा पिछले 23 सालों से लगी थी। लेकिन जब यहां बार खुला तो कुछ लोगों ने आपत्ति उठाते हुए कहा कि बापू की प्रतिमा के पास बार नहीं खुल सकता। मामला प्रशासन तक पहुंचा और प्रशासन ने बार की जगह बापू की प्रतिमा को हटाना बेहतर समझा।
वहीं बापू की मूर्ति को हटाने वाली नगर पालिका की सफ़ाई भी दिलचस्प है। नगर पालिका के मुताबिक उन्होंने बापू की प्रतिमा के अधिकृत होने या न होने पर नोटिस जारी किया था। लेकिन जब किसी ने कोई आपत्ति नहीं की तो प्रतिमा को यहां से हटा कर शहर के दूसरे हिस्से में लगा दिया गया।
गुंटूर के इस बार के सामने अभी दो और मुश्किलें खड़ी हुई हैं। बार से 100 मीटर के अंदर एक मंदिर और मस्जिद भी है। ऐसे में लोग कह रहे हैं कि क्या बापू के बाद अब नंबर भागवान का आने वाला है।
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