महाराष्ट्र : क्या राणे जीत पाएंगे उपचुनाव का रण?

नारायण राणे की फाइल तस्वीर

मुंबई:

महाराष्ट्र की बांद्रा ईस्ट और तासगांव-कवठे महांकाल सीट पर शनिवार को विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान हुआ।

बांद्रा ईस्ट से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता नारायण राणे मैदान में हैं, जहां उनका मुक़ाबला शिवसेना के दिवंगत विधायक बाला सावंत की पत्नी तृप्ति और एमआईएम के रहबर सिराज ख़ान से है।

तासगांव-कवठे महांकाल सीट पर राज्य के पूर्व गृहमंत्री आरआर पाटिल की पत्नी सुमन पाटिल और बीजेपी के बागी उम्मीदवार स्वपनिल पाटिल के बीच मुकाबला है। बांद्रा ईस्ट शिवसेना का गढ़ है और यहीं मातोश्री में ठाकरे परिवार रहता है। इस सीट से शिवसेना के बाला सावंत लगातार दो बार से विधायक थे। उनके निधन के बाद उपचुनाव में पार्टी ने उनकी पत्नी तृप्ति सावंत को मैदान में उतारा।

2014 विधानसभा चुनावों में इस सीट से बीजेपी दूसरे नंबर पर रही थी, लेकिन इस बार उसने अपना कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा। ठाकरे परिवार को उनके गढ़ में चुनौती देने उतरे शिवसेना से सालों पहले बागी हुए नारायण राणे। हालात ऐसे बने कि इतिहास में कभी किसी उपचुनाव में प्रचार नहीं करने वाले शरद पवार ने भी मोर्चा संभाला, क्योंकि राणे जीते तो विपक्ष को विधानसभा में नई उर्जा मिलेगी और हारे तो राजनीतिक वनवास लंबा हो जाएगा।

इस सीट पर रेस में एमआईएम के सिराज खान भी हैं, जो 2014 में तीसरे नंबर पर रहे थे। खान के प्रचार में ओवैसी भाइयों ने भी पूरी ताक़त झोंक दी थी। बांद्रा ईस्ट में लगभग 2.5 लाख मतदाता हैं, जिसमें 80,000 मतदाता मुस्लिम हैं और 50,000 दलित। ऐसे में एमआईएम का प्रदर्शन राणे की किस्मत तय कर सकता है।

महाराष्ट्र में दूसरी सीट यानी तासगांव-कवठे महांकल में मुकाबला पूर्व गृहमंत्री आरआर पाटिल की पत्नी सुमन पाटिल और बीजेपी के बागी स्वपनिल पाटिल के बीच है, साथ में 7 निर्दलीय भी मैदान में हैं। एनसीपी ने सारे राजनीतिक दलों से अनुरोध किया था कि वो सुमन के खिलाफ किसी को मैदान में नहीं उतारे, यही आबा को सच्ची श्रद्धांजलि होगी, बाकी पार्टियों ने उनकी बात मानकर किसी उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया। लेकिन स्वपनिल पाटिल ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलकर पर्चा भरा।

मतदान के बाद सुमन पाटिल ने कहा, "मुझे विश्वास है कि लोग मुझे पूरा समर्थन देंगे और मैं बड़े अंतर से जीतूंगी, इन चुनावों में सिर्फ सहानुभूति की लहर नहीं है, बल्कि आरआर पाटिल के काम के प्रति जो लोगों का प्यार और विश्वास था, ये उसकी लहर है।"

वहीं स्वपनिल पाटिल ने कहा कि आरआर पाटिल अच्छे इंसान थे, लेकिन उन्होंने कई काम अधूरे छोड़ दिए। यहां किसानों के खेत में पानी नहीं है... लोगों में गुस्सा है, वो हमें वोट देंगे।" दोनों सीटों के लिए हुए उपचुनाव का नतीजा 15 अप्रैल को आएगा।


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