शिवसेना ने बुधवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से अपील की कि वे राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करने वालों को फटकार लगाएं. पार्टी के मुखपत्र 'सामना' के एक संपादकीय में शिवसेना ने सत्तारूढ़ महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गठबंधन के पास बहुमत बरकरार रहने का भरोसा जताते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के पास 105 विधायकों का ही समर्थन है.
संपादकीय में लिखा गया है, 'हम उम्मीद करते हैं कि यह अटूट रहे, लेकिन सरकार के पास 170 विधायकों का समर्थन है और अगर कुल 200 विधायक उसके समर्थन में आ जाएं तो वह (विपक्ष) सरकार को दोष न दे.' शिवसेना ने कोश्यारी को सीधी बात करने वाला व्यक्ति बताते हुए कहा कि राज्यपाल को चाहिए कि उन लोगों को फटकार लगाएं जो उनकी शक्तियों के सहारे सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं. शिवसेना ने महाराष्ट्र बीजेपी के किसी भी नेता का नाम लिए बगैर कहा कि उन्हें महाराष्ट्र की जगह गुजरात में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करनी चाहिए.
कोश्यारी को बताया संत-महात्मा जैसा आदमी
महाराष्ट्र में शिवसेना, NCP और कांग्रेस की गठबंधन सरकार है, जो अपने छह महीने पूरे करने जा रही है. हालांकि विपक्ष ने कहा था कि यह सरकार 11 दिन भी नहीं चल पाएगी. शिवसेना ने कोश्यारी को एक संत-महात्मा करार देते हुए कहा कि विश्वास नहीं किया जा सकता कि कोई भी संत-महात्मा राजनीतिक षड्यंत्र में शामिल हो सकता है. पार्टी ने कहा कि कोश्यारी ने अपना पूरा जीवन आरएसएस के विचारों का पालन करने में बिता दिया.
संपादकीय में कहा गया है कि बीजेपी नेताओं के अलावा एनसीपी प्रमुख शरद पवार, पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल और शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने राज्यपाल से मुलाकात की है. पवार, पटेल और राउत की राज्यपाल से मुलाकात की ओर इशारा करते हुए शिवसेना ने कहा कि महाराष्ट्र के ताजा हालात पर चर्चा करने का यह मतलब नहीं है कि राजभवन में 'कुछ चल रहा है.'
पार्टी ने कहा कि ठाकरे सरकार स्थिर है...फिर भी लोग अफवाहें उड़ा रहे हैं कि राजभवन में कुछ (सरकार की स्थिरता को लेकर) चल रहा है, और इस तरह राज्यपाल की भूमिका पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं.
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