Aryan Khan Case : महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik ) का दावा है कि एनसीबी के अधिकारी समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) के मामले में एक नया लेटर निकल कर सामने आया है, जिसे एक अज्ञात शख्स ने लिखा है, जो खुद को NCB का ही एक कर्मचारी बताता है. इसमें उसने अपना नाम नहीं बताया है. इस लेटर के मुताबिक- अमित शाह और अस्थाना और समीर वानखेड़े को NCB में लेकर आए. समीर वानखेड़े और केपीएस ने दीपिका जैसी बड़ी-बड़ी एक्ट्रेस से मोटा पैसा कमाया है. समीर वानखेड़े मामले को बड़ा दिखाने के लिए कई बार रेड में मिली ड्रग्स को ज्यादा दिखाते हैं. नवाब मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पिछले दो दिनों में एनसीबी खासकर जोनल डायरेक्टर को लेकर बहुत सारी जानकारी सामने आई. हमारी लड़ाई एनसीबी से नहीं है. पिछले कई सालों में संस्था पर सवाल खड़ा नहीं हुआ. एक अधिकारी ने फर्जी सर्टिफिकेट के द्वारा नौकरी ली. मैंने कल बर्थ सर्टिफिकेट शेयर किया, लेकिन मैं कभी धर्म के नाम पर राजनीति नहीं करता.
Here are the contents of the letter received by me from an unnamed NCB official.
— Nawab Malik نواب ملک नवाब मलिक (@nawabmalikncp) October 26, 2021
As a responsible citizen I will be forwarding this letter to DG Narcotics requesting him to include this letter in the investigation being conducted on Sameer Wankhede pic.twitter.com/SOClI3ntAn
अनुसूचित जाति का फर्जी सर्टिफिकेट दिखाकर समीर वानखेड़े ने पाई नौकरी
सवाल ये है कि जो व्यक्ति फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर अनुसूचित जाति के जरिए नौकरी हासिल करता हो, उसने गरीब का हक तो मारा है.मुंबई में बर्थ सर्टिफिकेट ऑनलाइन मिल जाता है. वानखेड़े की बहन का सर्टिफिकेट ऑनलाइन अवेलेबल है, लेकिन समीर का नहीं. समीर के पिता जन्म से दलित थे, लेकिन बाद में शादी के बाद धर्म परिर्वतन किया. इसके बाद सभी लोग मुस्लिम धर्म के अनुसार रहे ,बाद में नौकरी के लिए दलित का सर्टिफिकेट लगाया. अगर ये जाली सर्टिफिकेट है तो समीर वानखेड़े अपना बर्थ सर्टिफिकेट रखें, अपने पिता का नहीं. जब कोई मुस्लिम या किसी भी धर्म में परिवर्तन करता है, तो उसका अपने पुराने जाती से कोई लेना-देना नहीं होता है. इसके बावजूद आरक्षण का इस्तेमाल किया गया.
Envelope of the letter received by me from an unnamed NCB official.
— Nawab Malik نواب ملک नवाब मलिक (@nawabmalikncp) October 26, 2021
Contents of which I will be releasing soon on Twitter pic.twitter.com/uPAO2F5XKP
समीर वानखेड़े के पिता दलित थे और मुस्लिम महिला से शादी की थी
उन्होंने बताया कि ज्ञानेश्वर वानखेड़े अनुसूचित जाति के हैं और उन्होंने मुस्लिम महिला से शादी की तो उन्होंने मुस्लिम धर्म का ही पालन किया. मुझे लगता है कि यह फर्जी प्रमाण पत्र दिखाकर उन्होंने (वानखेड़े) योग्य अनुसूचित जाति के उम्मीदवार का अधिकार छीन लिया है. प्रभाकर सईल की तरह दूसरे गवाह भी मेरे पास आए हैं. उसने जो जानकारी दी, वैसे ही जानकारी इस पत्र में है. इसलिए मेरा मानना है कि यह NCB से ही आया हुआ खत है.
मैं दाऊद वानखेड़े को चुनौती देता हूं मुझ पर कार्रवाई करे : नवाब मलिक
नवाब मलिक ने आगे कहा कि मैं नहीं कह रहा कि आप तुरंत कार्रवाई कर लो, आप जांच करो, उसमें जो जानकारी आती है, उसके आधार पर कार्रवाई करो. इस सर्टिफिकेट को लेकर कई दलित संगठन मुझे फोन कर रहे हैं. वे इस प्रमाणपत्र की जांच और वैधता के लिए अपील दायर कर सकते हैं. अगर किसी को लगता है कि यह फर्जी सर्टिफिकेट है तो उसके परिवार को ओरिजिनल दिखाना चाहिए. यह मुद्दा जल्द ही वैधता समिति के पास जाएगा. इस खत में उन्होंने एनसीबी के कामकाज और ईमानदार अधिकारियों को कैसे दबाया जाता है, इसके बारे में भी विस्तार से बताया है. ये खत हम डीजी को भेज रहे हैं.उन्होंने आगे कहा कि सेथना अदालत में कहते हैं कि ये नवाब मलिक का मामला है. अदालत ने कहा कि नवाब मलिक का किसी मामले से कोई लेना देना नहीं है. NCB को नवाब मलिक से क्या डर है . मेरी लड़ाई NCB से नहीं, उनके कुछ अधिकारियों से है. मेरी लड़ाई सत्य के लिए है, जो मेरे खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात कर रहे हैं, उनका स्वागत है. मैं दाऊद वानखेड़े को चुनौती देता हूं कि सेक्शन 499 और 500 के तहत मुझपर कार्रवाई करें. मैं किसी के निजी जीवन में नहीं जा रहा हूं, लेकिन अगर किसी की बोगस जानकारी है तो उसे उजागर करना ज़रूरी है.
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