बीजेपी (BJP) ने कहा है कि देवेन्द्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Govt.) को विधानसभा (Legislative Assembly) में बुधवार को बहुमत साबित करने (Floor Test) के बारे में मंगलवार को सुनाया गया उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) का फैसला पार्टी के लिये झटका नहीं है और इससे सदन में सभी दलों की स्थिति स्पष्ट हो जायेगी. बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली (Nalin Kohli) ने अदालत का फैसला पार्टी के लिये झटका साबित होने की बात को खारिज करते हुए कहा, ‘‘संविधान के मामले में कोई भी न्यायिक फैसला किसी राजनीतिक दल के लिये झटका नहीं हो सकता है. न्यायिक आदेश संविधान को मजबूत बनाते हैं.''
संविधान दिवस (Constitution Day) के अवसर पर सरकार द्वारा संसद (Parliament) के केन्द्रीय कक्ष में आयोजित दोनों सदनों की संयुक्त बैठक का विपक्ष द्वारा बहिष्कार किये जाने के बारे में कोहली ने कहा, ‘‘क्या यह विडंबना नहीं है कि एक तरफ राजनीतिक दल संविधान के मूल्यों की बात करते हैं और दूसरी तरफ संविधान दिवस के अवसर पर संसद का बहिष्कार करते हैं.''उन्होंने शीर्ष अदालत के फैसले पर कहा कि उच्चतम न्यायालय ने बोम्मई मामले के अपने पूर्व फैसले को ही बरकरार रखा है जिसमें अदालत ने कहा था कि बहुमत साबित करने का एकमात्र स्थान सदन है. कोहली ने कहा कि सदन में बहुमत का परीक्षण होने के बाद सभी दलों की स्थिति स्पष्ट हो जायेगी.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Singh Koshyari) ने शनिवार को महाराष्ट्र में देवेन्द्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजित पवार (Ajit Pawar) को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाते हुये नवगठित सरकार को 30 नवंबर को विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा था. कांग्रेस (Congress), राकांपा (NCP) और शिवसेना (ShivSena) ने इसका विरोध करते हुये उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी. शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र सरकार को बुधवार शाम पांच बजे तक बहुमत साबित करने को कहा है.
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