महाराष्ट्र सरकार ने ‘इन्काउन्टर स्पेशलिस्ट' पुलिस निरीक्षक प्रदीप शर्मा का इस्तीफा सोमवार को स्वीकार कर लिया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. शर्मा ने 35 साल की सेवा के बाद जुलाई 2019 में ऐच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन दिया था. उस वक्त वह ठाणे में रंगदारी वसूली विरोधी प्रकोष्ठ के प्रमुख थे. सूचनाओं के मुताबिक, शर्मा ने कथित रूप से 100 से ज्यादा अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराया है. अधिकारी ने बताया, ‘‘गृह विभाग ने सोमवार को शर्मा का इस्तीफा स्वीकार कर लिया.'' उन्होंने बताया कि संबंधित आदेश भी जारी कर दिया गया है.
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हालांकि, शर्मा को अभी पेंशन जैसी सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली सुविधाएं नहीं मिलेंगी क्योंकि उन्होंने रामनारायण गुप्ता उर्फ लखन भैया कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में महाराष्ट्र प्रशासनीक पंचाट (एमएटी) के फैसले को बांबे उच्च न्यायालय में चुनौती दी है और उसके फैसले का इंतजार है. राज्य सरकार ने अंडर वर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम गिरोह के साथ कथित संबंधों और मुठभेड़ में उनकी कथित भूमिका को लेकर 2008 में शर्मा को नौकरी से निकाल दिया था.
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कथित फर्जी मुठभेड़ के मामले में 2013 में एक सत्र अदालत ने शर्मा को बरी कर दिया. सरकार ने 2017 में उन्हें फिर से पुलिस बल में बहाल कर लिया. अटकलें हैं कि शर्मा शिवसेना में शामिल होंगे और आगामी विधानसभा चुनाव में पालघर जिले के नाल्लासोपारा सीट से बहुजन विकास अघाड़ी के विधायक क्षितिज ठाकुर के खिलाफ मैदान में उतरेंगे.
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