सब साथी एमएलए छोड़कर वापस NCP में जा रहे, फिर भी अजित पवार क्यों अड़े? यह है उनकी ताकत का राज

अकेले अजित पवार के सहारे कैसे बीजेपी की नैया पार होगी? इसके पीछे है एक तगड़ी रणनीति जो बीजेपी ने बना रखी है

सब साथी एमएलए छोड़कर वापस NCP में जा रहे, फिर भी अजित पवार क्यों अड़े? यह है उनकी ताकत का राज

अजीत पवार और बीजेपी विधानसभा में फ्लोर टेस्ट को लेकर शायद आश्वस्त हैं.

खास बातें

  • NCP ने अजित की जगह किसी और को चीफ व्हिप नहीं बनाया
  • विधानसभा में अजित पवार का आदेश ही लागू होगा
  • बीजेपी के पक्ष में मत देने के व्हिप को अनदेखा नहीं कर सकती NCP
मुंबई:

महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकार के गठन को लेकर जारी कशमकश के दौर में यह सवाल उठ रहा है कि वास्तव में क्या है बीजेपी (BJP) का गेम प्लान? बीजेपी का दावा है कि अब भी अजित पवार (Ajit Pawar) ही एनसीपी (NCP) विधानमंडल दल के नेता हैं. बीजेपी ने जयंत पाटिल की नियुक्ति को अवैध बताया है. बीजेपी के साथ गए अजित पवार के समर्थक विधायक एक-एक करके लौट रहे हैं लेकिन अजित पवार अब भी अपने फैसले पर अड़े हैं. उन्हें मनाने गए नेताओं को भी खाली हाथ लौटना पड़ा है. सवाल है कि अकेले अजित पवार के सहारे कैसे बीजेपी की नैया पार होगी?

अजित पवार (Ajit Pawar) को मनाने की सारी कोशिशें अब तक नाकाम रही हैं. रविवार को दोपहर बाद अजित पवार ने न सिर्फ एक के बाद एक ट्वीट करके बीजेपी के बड़े नेताओं का आभार माना बल्कि अपना ट्वीटर प्रोफाइल भी उप मुख्यमंत्री के तौर पर अपडेट कर दिया.

इसके पहले अजित पवार को मनाने की कोशिश करने के लिए गए एनसीपी के नए विधानमंडल दल नेता जयंत पाटिल को भी खाली हाथ लौटना पड़ा. हालांकि घर में जाने से पहले शेर पढ़ कर गए थे कि, '...कोशिश करने वालों की हार नहीं होती.'

क्या चाचा शरद पवार के इशारे पर ही अजित पवार ने BJP को दिया समर्थन! डिप्टी CM के इस ट्वीट के क्या हैं मायने?

एनसीपी ने अजित पवार (Ajit Pawar) को हटाकर जयंत पाटिल को विधानमंडल दल का नेता चुन लिया. अजित पवार तो चुप हैं लेकिन बीजेपी उनकी नियुक्ति का विरोध कर रही है. पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता आशीष शेलार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जयंत पाटिल की नियुक्ति को अवैध बताया.

महाराष्ट्र के राज्यपाल ने सोचा नहीं कि 'रात है ऐसी मतवाली तो सुबह का आलम क्या होगा', NDTV से बोले वरिष्ठ वकील

बीजेपी सूत्रों की मानें तो उसका सारा दारोमदार अब अजित पवार (Ajit Pawar) पर ही है. चूंकि वे एनसीपी विधानमंडल दल के नेता हैं और पार्टी ने किसी और को चीफ व्हिप नहीं बनाया है तो अजित पवार का आदेश ही लागू होगा. बहुमत के दिन अगर वे बीजेपी के पक्ष में मत देने का व्हिप जारी करते हैं और अगर मान भी लें कि उन्हें छोड़ सारे विधायक बीजेपी के विरोध में मत देते हैं तो उस व्हिप को आधार बनाकर विधानसभा अध्यक्ष सभी की सदस्यता खत्म करने का आदेश जारी कर सकते हैं.

महाराष्ट्र में दोहराया जा रहा 41 साल पुराना इतिहास, अब चाचा की जगह भतीजा हुआ बागी

यदि ऐसा होता है तो 288 में से 53 विधायक कम हो जाएंगे. और बहुमत साबित करने की संख्या 145 की बजाय 118 हो जाएगी. बीजेपी ने अपने 105 और 15 निर्दलियों के साथ 120 के करीब संख्या होने का दावा किया है. लेकिन अभी यह बीजेपी का गणित है...सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में क्या होता है और विधानसभा स्पीकर किसका चुना जाता है, उस पर बहुत कुछ निर्भर है. तब तक कयासों का बाजार चलता रहेगा.

महाराष्ट्र में कैसे पलट गई बाजी, कैसे फिर से सीएम की कुर्सी पर पहुंचे फडणवीस? यह है पर्दे के पीछे का खेल

VIDEO : संजय राउत को 10 मिनट में बहुमत साबित करने का भरोसा

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com