मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने बैंक परिसर में डॉ बीआर आंबेडकर (BR Ambedkar)की तस्वीर प्रदर्शित करने पर बर्खास्त कर्मचारी के बहाली संबंधी केंद्र सरकार औद्योगिक न्यायाधिकरण (Central Government Industrial Tribunal)के फैसले को बरकरार रखा.सीजीआईटी ने अपने आदेश में वर्ष 2004 में आंबेडकर की तस्वीर प्रदर्शित करने पर पहले निलंबित और फिर सेवा से बर्खास्त किए गए अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले कर्मचारी एम गौरीशंकर को बहाल करने का निर्देश स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को दिया था. न्यायमूर्ति एम दुरईस्वामी और न्यायमूर्ति जे सत्यनारायण प्रसाद की पीठ ने पिछले सप्ताह बैंक की अपील को खारिज करते हुए सीजीआईटी के आदेश को बरकरार रखा.
पीठ ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने आठ सितंबर, 2006 को एक परिपत्र जारी किया था, जिसमें बैंक को अपने कार्यालयों में आंबेडकर की तस्वीर प्रदर्शित करने का निर्देश दिया गया था.पीठ ने कहा, ''भारत सरकार द्वारा जारी परिपत्र के मद्देनजर बैंक अपीलकर्ता/कर्मचारी को सेवा से हटाने के अपने फैसले को उलट सकता था और कुछ अन्य सजा भी दे सकता था.'' अदालत ने कहा, ''मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर, हमारा विचार है कि बहाली का आदेश देने वाले सीजीआईटी के फैसले में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता क्योंकि इसने औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 की धारा 11 ए के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग किया था.''
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