मध्य प्रदेश में जारी सियासी संकट के बीच शुक्रवार को दोपहर 2 बजे विधानसभा में फ्लोर टेस्ट किया जाएगा. इससे पहले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने कमलनाथ सरकार को शुक्रवार शाम बजे से पहले फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मध्यप्रदेश में अनिश्चितता की स्थिति को फ्लोर टेस्ट द्वारा प्रभावी ढंग से हल किया जाना चाहिए. कोर्ट ने सात दिशा-निर्देश दिए हैं इनमें, मध्यप्रदेश असेंबली सेशन 20 मार्च को बुलाया जाए, केवल एक एजेंडा, क्या सरकार को बहुमत है? हाथ उठाकर हो मतदान, वीडियोग्राफी और लाइव टेलीकास्ट किया जाए, शांतिपूर्ण तरीके से मतदान हो, शाम 5 बजे तक पूरा होगा मतदान और एमपी व कर्नाटक के डीजीपी को सुनिश्चित करना चाहिए कि सत्र की व्यवस्था से 16 विधायकों पर कोई प्रतिबंध ना हों. अगर वे आना चाहते हैं तो सुरक्षा दी जाए.
मध्यप्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के सिलसिले में गुरुवार को देर रात में हुए एक बड़े घटनाक्रम में मध्यप्रदेश राज्य विधानसभा के अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने 9 मार्च से बेंगलुरु में रह रहे 16 बागी कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए. इन सभी 22 विधायकों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 10 मार्च को इस्तीफे दे दिए थे. उनके इस्तीफे अब स्वीकार किए गए. इन इस्तीफों के बाद सदन की कुल सदस्य संख्या 206 हो गई है. इसमें सत्तारूढ़ कांग्रेस के साथ उसके 92 सदस्य और सात सहयोगी विधायक हैं. इस तरह उसके पास बहुमत के लिए कम से कम पांच विधायक कम हैं. बहुमत के लिए उसके पास 104 सदस्य होने चाहिए. दूसरी तरफ 107 विधायकों वाली बीजेपी बहुमत के आंकड़े से तीन अधिक है.
स्पाीकर ने 10 मार्च से प्रभावी 16 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने की घोषणा करते हुए कहा कि "गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मद्देनजर, विधानमंडल न्यायपालिका का पालन कर रहा है, जबकि संविधान मौन है."
शीर्ष अदालत के निर्देशानुसार फ्लोर टेस्ट आयोजित करने के लिए शुक्रवार को विधानसभा सत्र बुलाने के बारे में पूछे जाने पर, अध्यक्ष ने कहा "आपको शुक्रवार को देखने को मिलेगा."
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र बुलाकर कमलनाथ सरकार द्वारा फ्लोर टेस्ट आयोजित करने के निर्देश दिए गए थे. इसके बाद तक गुरुवार को देर रात तक शुक्रवार को फ्लोर टेस्ट के बारे में विधानसभा का एजेंडा जाहिर नहीं किया गया.
हालांकि कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने अपने विधायकों को शुक्रवार को सदन में उपस्थित रहने और फ्लोर टेस्ट में पार्टी लाइनों के अनुसार वोट देने के लिए व्हिप जारी किया, लेकिन देर रात तक विधानसभा कीओर से कोई सूचना जारी नहीं की गई.
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