मध्य प्रदेश : बेंगलुरू में डेरा डाले कांग्रेस के बागी विधायकों ने कहा- हम अपनी इच्छा से यहां आए हैं, हमारा इस्तीफा क्यों नहीं मंजूर किया जा रहा है

बेंगलुरू में डेरा डाले विधायक मध्य प्रदेश के कांग्रेस के बागी विधायकों ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेस कर कहा है कि वे सभी उप चुनाव के लिए तैयार हैं.

मध्य प्रदेश : बेंगलुरू में डेरा डाले कांग्रेस के बागी विधायकों ने कहा- हम अपनी इच्छा से यहां आए हैं, हमारा इस्तीफा क्यों नहीं मंजूर किया जा रहा है

बागी कांग्रेस विधायकों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है

खास बातें

  • बागी विधायकों ने की प्रेस कॉन्फ्रेस
  • कहा- वे सिंधिया के साथ हैं
  • हमारे इस्तीफे मंजूर हों : कांग्रेस के बागी विधायक
नई दिल्ली:

बेंगलुरू में डेरा डाले विधायक मध्य प्रदेश के कांग्रेस के बागी विधायकों ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेस कर कहा है कि वे सभी उप चुनाव के लिए तैयार हैं. उनका कहना था कि जब सिंधिया पर हमला हो चुका है तो वह कैसे सुरक्षित हो सकते हैं. इसके साथ ही विधायकों का कहना है कि वे सभी अपनी इच्छा से साथ आए हैं और उनका इस्तीफा मंजूर क्यों नहीं किया जा रहा है. बागी विधायकों में से एक इमरती देवी ने कहा,' ज्योतिरादित्य सिंधिया हमारे नेता हैं. वो हमारे बारे में सोचते हैं. मैं उनके साथ हमेशा रहुंगी. चाहे मुझे कुएं में भी कूदना पड़े. वहीं एक दूसरे विधायक गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि कमलनाथ जी ने कभी उनकी बात 15 मिनट भी नहीं सुनी है. तो हम अपने क्षेत्र के विकास के लिए किससे बात करते. गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की अगुवाई में कांग्रेस के 22 विधायको ने बगावत दी है. सिंधिया पहले ही बीजेपी में जा चुके हैं. वहीं इन विधायकों ने भी अपना-अपना इस्तीफा विधानसभा स्पीकर को  भेज दिया है. इसके बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई है.

बीजेपी की मांग पर पर राज्यपाल ने 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया था लेकिन विधानसभा स्पीकर ने कोरोना वायरस का हवाला देकर विधानसभा की कार्यवाही 26 मार्च तक टाल दी. लेकन इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. अब सबकीं नजरें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं.

मध्य प्रदेश विधानसभा में विधायकों के इस्तीफे से पहले 227 विधायक (2 का निधन और एक BSP विधायक सस्पेंड)  कांग्रेस 114+6 सहयोगी मिलाकर 120 हैं और बीजेपी के पास 107. लेकिन 21 विधायकों के इस्तीफे के बाद कुल विधायक 206, बहुमत का नया आंकड़ा 104, कांग्रेस+सहयोगी मिलाकर 99 यानी बहुमत से 5 कम. बीजेपी के पास 107 विधायक यानी बहुमत से 3 ज्यादा. 

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