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This Article is From Sep 16, 2020

मध्यप्रदेश: कोरोना जांच में सैम्पल दिए बिना 15 लोगों की रिपोर्ट आई पॉजिटिव

कोरोना जांच में सैम्पल दिए बिना 15 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने का मामला सामने आया है. स्वास्थ्य विभाग की कोरोना जांच टीम ने गांव में 4 लोगों के कोरोना सैम्पल लिए और 19 लोगों की रिपोर्ट इंदौर लैब भेजी जिसमें 17 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.

मध्यप्रदेश: कोरोना जांच में सैम्पल दिए बिना 15 लोगों की रिपोर्ट आई पॉजिटिव
प्रतीकात्मक तस्वीर
भोपाल:

कोरोना जांच में सैम्पल दिए बिना 15 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने का मामला सामने आया है. स्वास्थ्य विभाग की कोरोना जांच टीम ने गांव में 4 लोगों के कोरोना सैम्पल लिए और 19 लोगों की रिपोर्ट इंदौर लैब भेजी जिसमें 17 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. बाकि 2 लोगों की रिपोर्ट आनी बाकी है.

मध्यप्रदेश के धार जिले की विधानसभा कुक्षी के निसरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारा गांव-गांव में कोरोना जांच सैम्पल के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमें बनाई गई हैं. जिसमें 8 सितम्बर को निसरपुर ब्लॉक से एक कोरोना जांच सैंपल लेने वाली टीम टाना गांव पहुंची जहां कोरोना सैम्पल लेने वाली टीम ने आशा कार्यकर्ता व पंचायत सचिव से गांव के लोगों की जनगणना के रजिस्टर से 19 लोगों के नाम लिख लिए और गांव के लोगों को बुलाया.

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मगर गांव वाले अपने सैम्पल देने से बचते रहे ओर कोरोना को लेकर झूठी रिपोर्ट आने की बात कहते सैम्पल नहीं दिए. जिसे देखते हुए कोरोना जांच सैम्पल दल ने कोरोना सैम्पल के लिए सरपंच सचिव व आशा कार्यकर्ता के रजिस्टर से 19 लोगों के नाम लिखे लिए. उनमें 4 लोगों ने कोरोना सैम्पल दिए. 

कोरोना सैम्पल टीम ने 15 लोगों के कोरोना सैम्पल रखने की ट्यूब में सैम्पल खराब नहीं हो वह कैप्सूल (ट्यूब) डालकर 15 लोगों के फर्जी नाम की स्लिप लगाकर कुल 19 लोगों के सैम्पल इंदौर लैब भेज दिए. जहां से 11 सितंबर की रात को 17 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई.

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इन 17 लोगों में 15 वह लोग हैं जिन्होंने अपना कोरोना सैम्पल दिया ही नहीं है क्योंकि 8 सितंबर को इन 15 में कोई भोपाल शासकीय मीटिंग में तो कोई इंदौर मजदूरी पर गए हुए थे, तो कोई कुक्षी में पढ़ाई कर रहा था तो कोई सैम्पल न देते हुए खेत मे काम करने चले गए. फिर किस प्रकार इनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई होगी. यह इंदौर की कोरोना जांच लैब पर बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा हो रहा है. मामले में टेक्नीशियन का कहना है कि उसने ऐसा जानबूझकर किया, सिर्फ यह देखने के लिए कि जो आरोप लोग लगा रहे हैं क्या वह सही हैं.

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