यह ख़बर 10 जनवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

अदालत ने 21 महीने की कैद के बाद महिला राजनयिक को दी जमानत

खास बातें

  • राजधानी की एक अदालत ने कथित तौर पर देश की संवेदनशील खुफिया जानकारी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को देने के आरोप में लगभग 21 महीने पहले गिरफ्तार निलंबित भारतीय राजनयिक माधुरी गुप्ता को जमानत दे दी।
नई दिल्ली:

राजधानी की एक अदालत ने कथित तौर पर देश की संवेदनशील खुफिया जानकारी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को देने के आरोप में लगभग 21 महीने पहले गिरफ्तार निलंबित भारतीय राजनयिक माधुरी गुप्ता को जमानत दे दी।

माधुरी को जमानत देते समय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पवन कुमार जैन ने राजनयिक से कहा कि वह अदालत की अनुमति के बिना दिल्ली से बाहर नहीं जा सकतीं।

इसके अलावा अदालत ने माधुरी को चेतावनी दी कि वह इस मामले से जुड़े अभियोजन पक्ष के किसी गवाह से संपर्क नहीं साधें।

न्यायाधीश ने माधुरी को 25,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत राशि पर जमानत दी।

माधुरी ने अपनी याचिका में कहा कि उन पर जो आरोप लगाए गए हैं, उसमें दोषी ठहराए जाने पर आरोपी को अधिकतम तीन साल की कैद की सजा सुनाई जा सकती है और वह 21 महीने की कैद पहले ही काट चुकी हैं।

निलंबित राजनयिक ने यह भी कहा कि आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता में महिलाओं को जमानत दिए जाने में उदारता का प्रावधान है।

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माधुरी (55) को दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने 22 अप्रैल, 2010 को गिरफ्तार किया था। वह इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास में द्वितीय सचिव (प्रेस और सूचना) के पद पर नियुक्त थीं।