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This Article is From Jan 06, 2013

करुणानिधि ने दिए स्टालिन को डीएमके प्रमुख बनाने के संकेत

चेन्नई: द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) प्रमुख एम. करुणानिधि ने रविवार को स्पष्ट किया कि वह अपने दूसरे बेटे एमके स्टालिन को उत्तराधिकारी बनाए जाने या पार्टी की सामान्य परिषद के महासचिव पद दिए जाने का प्रस्ताव रखेंगे।

पार्टी के जिला सचिवों के साथ बैठक के बाद करुणानिधि ने संवाददाताओं से कहा, "डीएमके एक लोकतांत्रिक पार्टी है। अध्यक्ष या महासचिव पद के लिए कोई भी चुनाव लड़ सकता है। पार्टी की सामान्य परिषद में स्टालिन का नाम बहुमत से प्रस्तावित करना है और अन्य को इसे स्वीकार करना होगा।" उन्होंने कहा, "अगर मेरी व्यक्तिगत क्षमता की बदौलत ऐसा मौका मिला तो मैं स्टालिन का नाम प्रस्तावित करूंगा क्योंकि पार्टी महासचिव ने पहले भी उनका नाम प्रस्तावित किया था और अब मैं उसका समर्थन करना पसंद करूंगा।"

डीएमके महासचिव के. अनबझागन ने भी कहा कि यदि वह प्रस्ताव लाते हैं और अन्य सदस्य उसका समर्थन करते हैं तो अध्यक्ष (करुणानिधि) भी उसे खारिज नहीं कर सकते।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह पार्टी प्रमुख पद के लिए चुनाव लड़ेंगे, करुणानिधि ने कहा, "मैं नहीं जानता कि उस समय तक मैं रहूंगा या नहीं।"

गौरतलब है कि गुरुवार को पार्टी के एक कार्यक्रम में डीएमके प्रमुख ने कहा था कि उनके बाद स्टालिन पार्टी में दलित उत्थान का मशाल-वाहक होंगे। उनके इस कथन का मीडिया में मतलब निकाला गया था कि करुणानिधि ने स्टालिन को अपना उत्तराधिकारी बनाने का संकेत दे दिया है।

मीडिया की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए करुणानिधि के बड़े बेटे एमके अलागिरि ने शुक्रवार को कहा था कि पार्टी कोई हिंदू आश्रम नहीं है जहां मेरे पिता का उत्तराधिकारी तय किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि पार्टी का संविधान स्टालिन को डीएमके का अगला नेता घोषित करने की अनुमति नहीं देता। संविधान का पालन किया जाना चाहिए।

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