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This Article is From Feb 07, 2022

बीजेपी और सपा के लिए नाक का सवाल बनी लखनऊ की हॉट सीट सरोजिनी नगर

सपा ने पूर्व आईएएस के बेटे और अखिलेश के ख़ास अभिषेक मिश्रा को तो बीजेपी ने हाल ही में ईडी छोड़कर आए पूर्व आईपीएस रणबहादुर सिंह के बेटे राजेश्वर सिंह को मैदान में उतार दिया है.

बीजेपी और सपा के लिए नाक का सवाल बनी लखनऊ की हॉट सीट सरोजिनी नगर
लखनऊ की सरोजिनी नगर सीट पर एक लाख से ज़्यादा ब्राह्मण वोटर हैं.
लखनऊ:

सरोजिनी नगर सीट लखनऊ की सबसे वीआईपी सीट बन चुकी है. यहां से पूर्व आईएएस के बेटे और अखिलेश के ख़ास अभिषेक मिश्रा सपा से तो बीजेपी ने हाल ही में ईडी छोड़कर आए पूर्व आईपीएस रणबहादुर सिंह के बेटे राजेश्वर सिंह को मैदान में उतार दिया है. दरअसल, एक हफ़्ते पहले तक ईडी की नौकरी करने वाले राजेश्वर सिंह ने कमल का फूल हाथ में थामकर चुनावी शंख बजाना शुरू कर दिया है. देश में भ्रष्टाचार रोकने की ज़िम्मेदारी का निर्वहन करके राजनीति में आते ही राजेश्वर सिंह ने पाकिस्तान और जिन्ना जैसे मुद्दे उछाल दिए हैं. सरोजिनी नगर से बीजेपी उम्मीदवार राजेश्वर सिंह ने NDTV से बातचीत में कहा कि मैं इसीलिए राजनीति में आया हूं कि यहां ऐसी नीतियां बनाऊंगा कि माफ़िया जड़ से ख़त्म हो जाएं.

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इस बीच पाकिस्तान समर्थक होने का आरोप झेल रहे सपा उम्मीदवार अभिषेक मिश्रा ने प्रचार की शुरुआत मंदिर में जाकर भगवान की पूजा करने के साथ की. अभिषेक मिश्रा यूपी के जाने माने पूर्व आईएएस अधिकारी जयशंकर मिश्रा के बेटे हैं. आईआईएम अहमदाबाद से पास अभिषेक अपनी नौकरी छोड़ 2012 में चुनाव जीतकर अखिलेश सरकार में मंत्री बन गए थे. अभिषेक सपा का ब्राह्मण चेहरा हैं. यही वजह है कि वो अपने प्रचार में योगी सरकार को ब्राह्मण विरोधी बताते हैं. उनका कहना है कि ये ब्राह्मण विरोधी सरकार है, इस सरकार में ब्राह्मणों का असम्मान हुआ है. हम विकास के मुद्दों पर चुनाव लड़ेंगे.

बता दें कि सरोजिनी नगर सीट पर एक लाख से ज़्यादा ब्राह्मण वोटर हैं. इस सीट को लेकर सपा बार बार चुनाव आयोग का दरवाज़ा खटखटा रही है. क्योंकि बीजेपी प्रत्याशी राजेश्वर सिंह की पत्नी लक्ष्मी सिंह लखनऊ ज़ोन की आईजी हैं. सपा का कहना है कि पति प्रत्याशी हैं और पत्नी उसी इलाक़े की आईजी तो चुनाव निष्पक्ष नहीं हो सकता. आरोप है कि इस सच्चाई पर चुनाव आयोग आंखों पर पट्टी बांधे हुए है.

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गौरतलब है कि सरोजिनी नगर सीट से महिला और बाल कल्याण मंत्री  स्वाती सिंह विधायक थीं और इसी सीट से उनके पति दयाशंकर भी टिकट मांग रहे थे, पर पति पत्नी की लड़ाई में टिकट राजेश्वर सिंह को मिल गया. सपा ने राजेश्वर सिंह के सामने अपना मज़बूत ब्राह्मण प्रत्याशी अभिषेक मिश्रा को उतारा है. ये सीट सपा और बीजेपी दोनों के लिए नाक का सवाल बन गई है.

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