प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
साल 2016 में सिंतबर महीने में पाकिस्तान में घुस कर भारतीय सेना के जवानों ने सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकवादियों को न सिर्फ मौत के घाट उतारा था, बल्कि उसके कई कैंपों को तबाह कर दिया था. उरी बेस कैंप पर हुए आतंकी हमले और पठानकोट का बदला लेते हुए भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया था और यह बताने की कोशिश की थी कि अगर आंतकवादी घनटनाओं पर लगाम नहीं लगाया गया तो भारतीय सेना उसके घर में भी घुस कर मार सकती है. लेकिन सर्जिकल स्ट्राइक करना भारतीय सेना के लिए इतना आसान भी नहीं था. सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान भारतीय सेना को ऐसी चीजों का इस्तेमाल करना पड़ा, जिस पर आप आसानी से विश्वास भी नहीं कर पाएंगे.
सर्जिकल स्ट्राइक की अगुवाई करने वाले मेजर ने किताब में लिखा, बहुत मुश्किल था लौटना, कान के पास से निकल रही थीं गोलियां
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पाकिस्तान के खिलाफ वर्ष 2016 में की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में नगरौटा (जम्मू एवं कश्मीर) के पूर्व कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आरआर निम्भोरकर ने बताया, "रास्ते में संभावना थी कि गांवों में कुत्ते हम पर भौंकें... हम जानते थे कि वह तेंदुए से डरते हैं, सो, हम तेंदुए का पेशाब अपने साथ ले गए थे, और वह काम कर गया... कुत्ते सामने आने से भी डरते रहे..." बता दें कि सर्जिकल स्ट्राइक में आतंकियों को काफी नुकसान हुआ था.
दरअसल, सर्जिकल स्ट्राइक के तहत पाकिस्तान में घुस कर आतंकियों के कैंप को भारतीय सेना ने ध्वस्त कर दिया था. पठानकोट, पुंछ और उरी में पाकिस्तान ने जब हद पार कर दी तो भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर इसका कड़ा जवाब दिया. साल 2016 में 28-29 सितंबर की दरमियानी रात को भारतीय सेना ने एलओसी पार करके आतंकी लॉन्च पैड पर हमले किए थे. सर्जिकल स्ट्राइक में करीब 50 आतंकी मारे गए थे और कई आतंकी कैंप पूरी तरह से तबाह भी हुए थे. सरकार ने बाद में पैरा कमांडोज की सर्जिकल स्ट्राइक के ऑपरेशन की कहानी शेयर की थी.
Exclusive: सर्जिकल स्ट्राइक के हीरो लेफ्टिनेंट जनरल हुडा ने NDTV को बताई उस दिन की दास्तान
सर्जिकल स्ट्राइक में पैरा रेजिमेंट के 4th और 9th बटालियान के एक कर्नल, पांच मेजर, दो कैप्टन, एक सूबेदार, दो नायब सूबेदार, तीन हवलदार, एक लांस नायक और चार पैराट्रूपर्स ने सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था. मेजर रोहित सूरी के नेतृत्व में 28-29 सितंबर की रात को आठ कमांडोज की टीम पाक अधिकृत कश्मीर के लिए रवाना हुई थी. सर्जिकल स्ट्राइक से पहले मेजर सूरी ने पूरे इलाके की रेकी की और जवानों को इंतजार करने को कहा. सुबह छह बजे होते ही भारतीय सेना आतंकियों पर टूट पड़े. इस दौरान मेजर सूरी ने जान की परवाह किए बिना दो आतंकियों का पीछा कर उन्हें नजदीक जाकर मार गिराया.
VIDEO: देश की सेना ममता और संकल्प से परिपूर्ण, सर्जिकल स्ट्राइक से किये दांत खट्टे : पीएम मोदी
सर्जिकल स्ट्राइक की अगुवाई करने वाले मेजर ने किताब में लिखा, बहुत मुश्किल था लौटना, कान के पास से निकल रही थीं गोलियां
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पाकिस्तान के खिलाफ वर्ष 2016 में की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में नगरौटा (जम्मू एवं कश्मीर) के पूर्व कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आरआर निम्भोरकर ने बताया, "रास्ते में संभावना थी कि गांवों में कुत्ते हम पर भौंकें... हम जानते थे कि वह तेंदुए से डरते हैं, सो, हम तेंदुए का पेशाब अपने साथ ले गए थे, और वह काम कर गया... कुत्ते सामने आने से भी डरते रहे..." बता दें कि सर्जिकल स्ट्राइक में आतंकियों को काफी नुकसान हुआ था.
There was a possibility of dogs in villages barking at us on the route. I knew they are scared of leopards. We carried leopard urine with us & that worked & dogs didn't dare to come forward: Lt General RR Nimbhorkar, Former Nagrota (J&K) Corps Commander on Surgical Strike (11.09) pic.twitter.com/rHRMUeIBZi
— ANI (@ANI) September 12, 2018
दरअसल, सर्जिकल स्ट्राइक के तहत पाकिस्तान में घुस कर आतंकियों के कैंप को भारतीय सेना ने ध्वस्त कर दिया था. पठानकोट, पुंछ और उरी में पाकिस्तान ने जब हद पार कर दी तो भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर इसका कड़ा जवाब दिया. साल 2016 में 28-29 सितंबर की दरमियानी रात को भारतीय सेना ने एलओसी पार करके आतंकी लॉन्च पैड पर हमले किए थे. सर्जिकल स्ट्राइक में करीब 50 आतंकी मारे गए थे और कई आतंकी कैंप पूरी तरह से तबाह भी हुए थे. सरकार ने बाद में पैरा कमांडोज की सर्जिकल स्ट्राइक के ऑपरेशन की कहानी शेयर की थी.
Exclusive: सर्जिकल स्ट्राइक के हीरो लेफ्टिनेंट जनरल हुडा ने NDTV को बताई उस दिन की दास्तान
सर्जिकल स्ट्राइक में पैरा रेजिमेंट के 4th और 9th बटालियान के एक कर्नल, पांच मेजर, दो कैप्टन, एक सूबेदार, दो नायब सूबेदार, तीन हवलदार, एक लांस नायक और चार पैराट्रूपर्स ने सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था. मेजर रोहित सूरी के नेतृत्व में 28-29 सितंबर की रात को आठ कमांडोज की टीम पाक अधिकृत कश्मीर के लिए रवाना हुई थी. सर्जिकल स्ट्राइक से पहले मेजर सूरी ने पूरे इलाके की रेकी की और जवानों को इंतजार करने को कहा. सुबह छह बजे होते ही भारतीय सेना आतंकियों पर टूट पड़े. इस दौरान मेजर सूरी ने जान की परवाह किए बिना दो आतंकियों का पीछा कर उन्हें नजदीक जाकर मार गिराया.
VIDEO: देश की सेना ममता और संकल्प से परिपूर्ण, सर्जिकल स्ट्राइक से किये दांत खट्टे : पीएम मोदी
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं