फाइल फोटो
नई दिल्ली:
केरल में युवती द्वारा मुस्लिम धर्म अपनाकर निकाह करने का मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लड़की के पिता, केरल सरकार और NIA को नोटिस जारी कर एक हफ्ते में जवाब मांगा है. लड़की के पिता से एक हफ्ते में सारे कागजात मांगे गए हैं. कोर्ट ने कहा कि जब भी जरूरत होगी युवती को 24 घंटे में सुप्रीम कोर्ट में पेश करना होगा. कोर्ट ने कहा कि यह संवेदनशील मुद्दा है और इस पर विस्तार से सुनवाई जरूरी है. केरल हाईकोर्ट की खंडपीठ ने मुसलमान धर्म अपनाकर शादी करने वाली हिन्दू लड़की के निकाह को अवैध करार दिया था. हाईकोर्ट ने इसे लव जिहाद का केस बताया था. युवती के पति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है.
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सुनवाई के दौरान लड़की के पिता की ओर से कहा गया कि युवक ने उसे एक संस्था के इशारे पर सुनियोजित तरीके से धर्म परिवर्तन कराया. दरअसल 24 साल की अखिला का निकाह मुस्लिम युवक शैफीन जहां के साथ हुआ था, लेकिन लड़की अखिला का परिवार इस शादी का विरोध शुरू से करता आ रहा था.
अखिला का किस्सा
अखिला के पिता के एम अशोकन ने केरल हाईकोर्ट में धर्मानंतरण करने और शादी तोड़ने की याचिका दायर की थी, जिस पर जस्टिस सुरेंद्र मोहन और जस्टिस अब्राहम मैथ्यू की पीठ ने अखिला ( लड़की ) के पिता केएम अशोकन की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये बेहद अहम फैसला दिया है. कोर्ट ने कहा कि शादी उसके जीवन का सबसे अहम फैसला है और उसे इसमें अपने माता-पिता की सलाह लेनी चाहिए थी. अदालत ने अपने फैसले में कहा, कथित तौर पर हुई शादी बकवास है और कानून की नजर में इसकी कोई अहमियत नहीं है. उसके शौहर को उसका पति बनने का कोई अधिकार नहीं है.
गौरतलब है कि केरल के कोट्टयम जिले के वाइकॉम की रहने वाली लड़की के पिता और याचिककर्ता केएम अशोकन ने याचिका में कोर्ट से कहा था कि उनकी बेटी को मुस्लिम लड़के ने सोची समझी साज़िश के तहत आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट में शामिल कराने के लिए पहले धर्म परिर्वतन कराकर मुसलमान बनवाया और झूठे प्रेम का ढोंग कर शादी रचा ली.
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हाईकोर्ट ने अशोकन को उनकी बेटी अखिला की सुरक्षा देने के लिए कोट्टयम जिला पुलिस को निर्देश दिया. अदालत के आदेश पर महिला छात्रावास में रह रही अखिला अब अपने पिता अशोकन के साथ रहेगी. अदालत ने पुलिस को मामले की जांच के भी आदेश दिए हैं. अदालत ने पुलिस से जबरन धर्मांतरण और इसके लिए जिम्मेदार संस्थाओं की जांच के लिए कहा है, हालांकि लड़की अखिला ने कोर्ट के सामने कहा था कि उसने अपनी मर्जी से मुस्लिम धर्म कबूल किया है.
अखिला के मुसलमान बन जाने के बाद अशोकन ने पिछले साल अदालत में याचिका दायर की थी. अशोकन की याचिका पर सुनवाई के दौरान ही अखिला ने शफीन जहां नाम के मुस्लिम लड़के से निकाह कर लिया था जिसे अब कोर्ट ने इसी अवैध करार दिया है.
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सुनवाई के दौरान लड़की के पिता की ओर से कहा गया कि युवक ने उसे एक संस्था के इशारे पर सुनियोजित तरीके से धर्म परिवर्तन कराया. दरअसल 24 साल की अखिला का निकाह मुस्लिम युवक शैफीन जहां के साथ हुआ था, लेकिन लड़की अखिला का परिवार इस शादी का विरोध शुरू से करता आ रहा था.
अखिला का किस्सा
अखिला के पिता के एम अशोकन ने केरल हाईकोर्ट में धर्मानंतरण करने और शादी तोड़ने की याचिका दायर की थी, जिस पर जस्टिस सुरेंद्र मोहन और जस्टिस अब्राहम मैथ्यू की पीठ ने अखिला ( लड़की ) के पिता केएम अशोकन की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये बेहद अहम फैसला दिया है. कोर्ट ने कहा कि शादी उसके जीवन का सबसे अहम फैसला है और उसे इसमें अपने माता-पिता की सलाह लेनी चाहिए थी. अदालत ने अपने फैसले में कहा, कथित तौर पर हुई शादी बकवास है और कानून की नजर में इसकी कोई अहमियत नहीं है. उसके शौहर को उसका पति बनने का कोई अधिकार नहीं है.
गौरतलब है कि केरल के कोट्टयम जिले के वाइकॉम की रहने वाली लड़की के पिता और याचिककर्ता केएम अशोकन ने याचिका में कोर्ट से कहा था कि उनकी बेटी को मुस्लिम लड़के ने सोची समझी साज़िश के तहत आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट में शामिल कराने के लिए पहले धर्म परिर्वतन कराकर मुसलमान बनवाया और झूठे प्रेम का ढोंग कर शादी रचा ली.
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हाईकोर्ट ने अशोकन को उनकी बेटी अखिला की सुरक्षा देने के लिए कोट्टयम जिला पुलिस को निर्देश दिया. अदालत के आदेश पर महिला छात्रावास में रह रही अखिला अब अपने पिता अशोकन के साथ रहेगी. अदालत ने पुलिस को मामले की जांच के भी आदेश दिए हैं. अदालत ने पुलिस से जबरन धर्मांतरण और इसके लिए जिम्मेदार संस्थाओं की जांच के लिए कहा है, हालांकि लड़की अखिला ने कोर्ट के सामने कहा था कि उसने अपनी मर्जी से मुस्लिम धर्म कबूल किया है.
अखिला के मुसलमान बन जाने के बाद अशोकन ने पिछले साल अदालत में याचिका दायर की थी. अशोकन की याचिका पर सुनवाई के दौरान ही अखिला ने शफीन जहां नाम के मुस्लिम लड़के से निकाह कर लिया था जिसे अब कोर्ट ने इसी अवैध करार दिया है.
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