प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक बार फिर 'सूट बूट की सरकार' वाला कटाक्ष करते हुए राहुल गांधी ने कहा, हमने कहा की किसानों से पूछकर ज़मीन ली जाएगी, आपने कहा कि उनसे पूछे बगैर ज़मीन ली जाएगी। आपने यह कहकर उनके पांवों पर पहली कुल्हाड़ी मारी।
राहुल ने कहा, फिर आपने दूसरी कुल्हाड़ी मारी, हमने कहा सोशल इम्पेक्ट असेसमेंट (SIA) होगा, आपने कहा, नहीं होगा। हमने कहा था, पांच साल में अगर ज़मीन पर काम नहीं हुआ तो वह किसानों को वापस की जाएगी, तीसरी कुल्हाड़ी मारते हुए इन्होंने यह भी रद्द कर दिया।
राहुल गांधी ने बिना किसी लाग-लपेट के साफ कहा, यदि आप चाहते हो कि ज़मीन आपके कॉरपोरेट दोस्तों को दी जाए, हम यह 'सूट-बूट का काम' नहीं चलने देंगे। राहुल गांधी ने कहा कि अगर सरकार को इस बिल के मुद्दे पर संसद में नहीं रोक पाए तो सड़कों पर जाकर उसे रोकेंगे और 'सूट-बूट' का काम नहीं होने देंगे।
वह बोले, किसानों के पैरों के नीचे सोना है, जिसे यह सरकार छीनना चाहती है। उन्होंने कहा, आपको (किसानों को) कुछ साल बाद आपकी जमीन के बदले 10 करोड़ या 50 करोड़ भी कीमत मिल सकती है, लेकिन यह सरकार आपके पास जमीन रहने ही नहीं देना चाहती है। यह सरकार गरीब विरोधी, किसान विरोधी है।
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राहुल ने कहा- हमने कहा था कि 5 साल के अदंर अगर प्रोजेक्ट चालू नहीं हुआ तो वह जमीन वापस किसान को दी जाएगी। नए बिल में यह बात रद्द कर दी। अब चाहे प्रोजेक्ट बनने में 10-20-50 साल लगें, जमीन किसान को वापस नहीं मिलेगी।
राहुल ने अपने भाषण के अंत में बहुत तीखा कटाक्ष करते हुए कहा, सुना था कि चोर सिर्फ रात को आते हैं, छुपकर आते हैं, खिड़की के अंदर से कूद कर आते हैं, लेकिन सबसे बड़े चोर दिन दहाड़े आते हैं, सबके सामने आते हैं, और सूट पहनकर आते हैं।
अपने तीखे भाषण में कांग्रेस सांसद ने कहा, हमने आपकी फाइनेंस मिनिस्ट्री से पूछा, बताइए जमीन के कारण कितने प्रोजेक्ट रुके हैं। आपकी फाइनेंस मिनिस्ट्री ने कहा कि 100 में से केवल 8 प्रोजेक्ट जमीन की वजह से रुके हैं। केंद्र सरकार के पास जमीन पड़ी है, लेकिन आप किसान की जमीन क्यों छीनना चाहते हो? उन्होंने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाया कि पहले यही नेता विपक्ष में बैठकर हमारे बिल का समर्थन कर रहे थे, लेकिन आज ये पलट गए हैं।