यह ख़बर 30 अगस्त, 2012 को प्रकाशित हुई थी

लोकसभा में दो बिल पास : सरकार और बीजेपी में समझौता!

खास बातें

  • एक बिल रासायनिक हथियारों पर अंतरराष्ट्रीय कन्वेशन से जुड़ा है जबकि दूसरा बिल देश में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानि एम्स की तर्ज पर छह और संस्थानों को खोलने से सम्बंधित है।
नई दिल्ली:

भारी हंगामे के बीच गुरुवार को सरकार ने लोकसभा में दो बिल पास करा लिए। एक बिल रासायनिक हथियारों पर अंतरराष्ट्रीय कन्वेशन से जुड़ा है जबकि दूसरा बिल देश में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानि एम्स की तर्ज पर छह और संस्थानों को खोलने से सम्बंधित है। दोपहर 12 बजे जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो शुरुआती 10 से 15 मिनट के भीतर ही इन दोनों बिलों को पास करा लिया गया।

जब बिल पास हुआ उस समय बीजेपी के कई सांसद वेल में थे और प्रधानमंत्री के इस्तीफे का नारा लगा रहे थे। हालांकि सदन में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज अपनी सीट पर बैठी थीं और लोकसभा की बिजनेस लिस्ट पर ग़ौर कर रही थीं। बिल पास होने की प्रक्रिया में बीजेपी की तरफ से कहीं भी कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई गई।

बाद में सदन के बाहर बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नक़वी ने इस तरह से बिल पास कराने को ’सरकार की चोरी और सीनाजोरी’ के साथ-साथ संसदीय प्रक्रिया का उल्लंघन भी बताया। बीजेपी की ही नज़मा हेपतुल्लाह के मुताबिक सदन को ऑर्डर में लाए बिना बिल पास कराना संवैधानिक तौर पर ग़लत है।

दूसरी तरफ एनडीए संयोजक और जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि एम्स संशोधन बिल आम लोगों के हित से जुड़ा है और इसे पास कराने से पहले उनसे और सुषमा स्वराज दोनों की सहमति ली गई थी। सरकार की तरफ से भी दावा किया गया कि बिहार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान समेत छह अलग-अलग राज्यों में ’एम्स’ खोले जाने पर सभी दल एकमत थे इसलिए ये बिल पास कराया गया।

रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री श्रीकांत जेना के मुताबिक रासायनिक हथियारों के कंवेशन से जुड़े बिल को पेश करने से पहले हुई चर्चा के दौरन किसी दल ने कोई आपत्ति नहीं जताई थी। इसलिए इस ’गैर विवादास्पद’ बिल को आसानी से पास करा लिया गया।

कोयला खादान आवंटन में घोटाले की सीएजी रिपोर्ट के बाद बीजेपी प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग पर अड़ी है और पिछले दो हफ्ते से संसद नहीं चलने दे रही है। ऐसे में इन दो बिलों का पास होना सरकार और बीजेपी के बीच समझौते की तरफ इशारा करता है। सूत्रों की माने तो बीजेपी इस बात के लिए तैयार हो गई है कि वह संसद में पेश होने वाले बहुत ज़रूरी बिल के पास होने में रोड़ा नहीं अटकाएगी।

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हालांकि सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा में व्हिस्ल ब्लोअर बिल पास कराने की भी कोशिश की लेकिन बीजेपी ने इसे पास नहीं होने दिया। संसद के मानसून सत्र में सरकार 32 बिल को पास कराना चाहती थी, लेकिन संसद ठप पड़ी है और ज्यादातर बिल अटके पड़े हैं। संसद का मौजूदा सत्र 7 सितबंर तक है और ऐसे में सरकार की कोशिश कुछ और बिल पास कराने की होगी।