लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन
नई दिल्ली:
लोकसभा में अलग-अलग मुद्दों पर विभिन्न दलों के हंगामे के कारण लोकसभा की बैठक लगातार 12वें दिन भी नहीं चल सकी और सदस्यों की नारेबाजी के बीच कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी. वहीं कांग्रेस, माकपा और राकांपा आदि दलों के सदस्यों की जोरदार नारेबाजी के चलते विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का पूरा बयान नहीं हो पाया. इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने दुख प्रकट किया.
राज्यसभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का बयान- मोसुल में लापता 39 भारतीय को ISIS ने मारा
विदेश मंत्री इराक के मोसुल में 2015 में अपहृत किये गये 39 भारतीयों के मारे जाने के संबंध में एक बयान सदन में दे रहीं थीं. वह सुबह ही राज्यसभा में इस संबंध में वक्तव्य दे चुकी हैं. लेकिन हंगामा जारी रहने के कारण वह विस्तार से बयान नहीं दे सकीं और उन्होंने केवल इतना बताया कि 39 लोगों में से 38 के डीएनए नमूनों का मिलान होने के बाद उनके मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है और एक अन्य व्यक्ति के डीएनए नमूने का भी 70 प्रतिशत मिलान हो चुका है.
दोपहर 12 बजे सदन की बैठक शुरू हुई तो तेलंगाना राष्ट्र समिति के सदस्य ‘एक राष्ट्र एक नीति’ की अपनी मांग को लेकर नारेबाजी करते हुए आसन के पास आ गये, वहीं अन्नाद्रमुक के सदस्य आगे आकर कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग कर रहे थे. हंगामे के बीच ही अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवाए और सभी सदस्यों से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बयान होने के कारण से व्यवस्था बनाने की अपील की. इस दौरान आसन के समीप खड़े टीआरएस और अन्नाद्रमुक के सदस्य तो शांत हो गये लेकिन इस पर कांग्रेस, माकपा, राकांपा और सपा समेत अन्य विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे.
मोदी सरकार के खिलाफ हंगामे के चलते नहीं लाया जा सका अविश्वास प्रस्ताव, YRS कांग्रेस ने कल के लिए दिया नोटिस
सुषमा ने अपने बयान में कहा, ‘‘अब तक मैंने कहा था कि जब तक सबूत नहीं होंगे तब तक नहीं कहा जा सकता कि इराक में बंधक बनाये गये भारतीय मारे जा चुके हैं या नहीं. लेकिन आज मैं सबूत लेकर आई हूं. राज्यसभा में सभी सदस्यों ने सहयोग दिया और मैं यहां भी सदस्यों से सहयोग की अपेक्षा रखती हूं.’’ विदेश मंत्री ने सदस्यों से सहयोग की अपील की और कहा कि वह इस विषय पर शोर-शराबे में विस्तार से जानकारी नहीं दे सकेंगी लेकिन विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा. सुषमा ने कहा कि इतना ही शोर-शराबा रहा तो मैं नहीं बोल पाऊंगी और इतना कहकर वह बैठ गयीं.
इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने दुख प्रकट करते हुए कहा कि हम राजनीति में इतने संवेदनहीन हो गये हैं कि इस भावनात्मक विषय पर भी विदेश मंत्री की बात नहीं सुन सकते.
इसके बाद उन्होंने सदन में व्यवस्था नहीं होने पर नरसिंहन और सुब्बारेड्डी द्वारा सरकार के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव को आगे बढ़ा पाने में भी असमर्थता जताई. उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस अविश्वास प्रस्ताव पर कर्तव्य से बंधी हूं लेकिन सदन में व्यवस्था नहीं है और मैं सदस्यों से अपील करती हूं कि आगे नहीं आएं और अपनी सीटों पर जाएं.’’ हंगामा थमता नहीं देख उन्होंने कहा कि सदन में व्यवस्था नहीं होने के कारण वह अविश्वास प्रस्ताव को आगे बढ़ाने में असमर्थ हैं. इसके बाद उन्होंने सदन की बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया. गत शुक्रवार और सोमवार को भी सदन में हंगामे के कारण अविश्वास प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ सका था.
विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा, '8 से 10 दिन में पार्थिव अवशेष आ जाएंगे. जब तक ठोस सबूत नहीं होता तो ऐलान करना मुश्किल था. जब डीएनए मिला तब ऐलान किया. उनके शव का पता लगाना मुश्किल काम था. पहले वो आईएसएस के कब्जे थे और वहां तक जाना आसान नहीं था और जब हालात अनुकूल हुए तब हम वहां जा सके.'
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने कहा, 'जब हमें पक्का पता लगा तभी हमने बताया. हमे पहले से पता नहीं था. किसी के कहने पर कैसे बोल देते. वहां सरकार भी नहीं थी उस वक्त. जब तक डीएनए मैच नहीं हो जाते कैसे हम बता देते. हमलोग परिवार को लगातार अपडेट देते रहे. ये शर्म की बात है कि विपक्ष इसपर भी राजनीति कर रहा है. सुषमा को बोलने नहीं दिया.'
VIDEO: सुषमा स्वराज ने कहा, मोसुल में लापता 39 भारतीय को ISIS ने मारा
इससे पहले आज सुबह 11 बजे भी हंगामे के कारण सदन की बैठक शुरू होने के दो मिनट के भीतर ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी थी.
राज्यसभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का बयान- मोसुल में लापता 39 भारतीय को ISIS ने मारा
विदेश मंत्री इराक के मोसुल में 2015 में अपहृत किये गये 39 भारतीयों के मारे जाने के संबंध में एक बयान सदन में दे रहीं थीं. वह सुबह ही राज्यसभा में इस संबंध में वक्तव्य दे चुकी हैं. लेकिन हंगामा जारी रहने के कारण वह विस्तार से बयान नहीं दे सकीं और उन्होंने केवल इतना बताया कि 39 लोगों में से 38 के डीएनए नमूनों का मिलान होने के बाद उनके मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है और एक अन्य व्यक्ति के डीएनए नमूने का भी 70 प्रतिशत मिलान हो चुका है.
दोपहर 12 बजे सदन की बैठक शुरू हुई तो तेलंगाना राष्ट्र समिति के सदस्य ‘एक राष्ट्र एक नीति’ की अपनी मांग को लेकर नारेबाजी करते हुए आसन के पास आ गये, वहीं अन्नाद्रमुक के सदस्य आगे आकर कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग कर रहे थे. हंगामे के बीच ही अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवाए और सभी सदस्यों से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बयान होने के कारण से व्यवस्था बनाने की अपील की. इस दौरान आसन के समीप खड़े टीआरएस और अन्नाद्रमुक के सदस्य तो शांत हो गये लेकिन इस पर कांग्रेस, माकपा, राकांपा और सपा समेत अन्य विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे.
मोदी सरकार के खिलाफ हंगामे के चलते नहीं लाया जा सका अविश्वास प्रस्ताव, YRS कांग्रेस ने कल के लिए दिया नोटिस
सुषमा ने अपने बयान में कहा, ‘‘अब तक मैंने कहा था कि जब तक सबूत नहीं होंगे तब तक नहीं कहा जा सकता कि इराक में बंधक बनाये गये भारतीय मारे जा चुके हैं या नहीं. लेकिन आज मैं सबूत लेकर आई हूं. राज्यसभा में सभी सदस्यों ने सहयोग दिया और मैं यहां भी सदस्यों से सहयोग की अपेक्षा रखती हूं.’’ विदेश मंत्री ने सदस्यों से सहयोग की अपील की और कहा कि वह इस विषय पर शोर-शराबे में विस्तार से जानकारी नहीं दे सकेंगी लेकिन विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा. सुषमा ने कहा कि इतना ही शोर-शराबा रहा तो मैं नहीं बोल पाऊंगी और इतना कहकर वह बैठ गयीं.
इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने दुख प्रकट करते हुए कहा कि हम राजनीति में इतने संवेदनहीन हो गये हैं कि इस भावनात्मक विषय पर भी विदेश मंत्री की बात नहीं सुन सकते.
इसके बाद उन्होंने सदन में व्यवस्था नहीं होने पर नरसिंहन और सुब्बारेड्डी द्वारा सरकार के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव को आगे बढ़ा पाने में भी असमर्थता जताई. उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस अविश्वास प्रस्ताव पर कर्तव्य से बंधी हूं लेकिन सदन में व्यवस्था नहीं है और मैं सदस्यों से अपील करती हूं कि आगे नहीं आएं और अपनी सीटों पर जाएं.’’ हंगामा थमता नहीं देख उन्होंने कहा कि सदन में व्यवस्था नहीं होने के कारण वह अविश्वास प्रस्ताव को आगे बढ़ाने में असमर्थ हैं. इसके बाद उन्होंने सदन की बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया. गत शुक्रवार और सोमवार को भी सदन में हंगामे के कारण अविश्वास प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ सका था.
विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा, '8 से 10 दिन में पार्थिव अवशेष आ जाएंगे. जब तक ठोस सबूत नहीं होता तो ऐलान करना मुश्किल था. जब डीएनए मिला तब ऐलान किया. उनके शव का पता लगाना मुश्किल काम था. पहले वो आईएसएस के कब्जे थे और वहां तक जाना आसान नहीं था और जब हालात अनुकूल हुए तब हम वहां जा सके.'
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने कहा, 'जब हमें पक्का पता लगा तभी हमने बताया. हमे पहले से पता नहीं था. किसी के कहने पर कैसे बोल देते. वहां सरकार भी नहीं थी उस वक्त. जब तक डीएनए मैच नहीं हो जाते कैसे हम बता देते. हमलोग परिवार को लगातार अपडेट देते रहे. ये शर्म की बात है कि विपक्ष इसपर भी राजनीति कर रहा है. सुषमा को बोलने नहीं दिया.'
VIDEO: सुषमा स्वराज ने कहा, मोसुल में लापता 39 भारतीय को ISIS ने मारा
इससे पहले आज सुबह 11 बजे भी हंगामे के कारण सदन की बैठक शुरू होने के दो मिनट के भीतर ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी थी.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं