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This Article is From Apr 14, 2020

लॉकडाउन : सरकार कटाई, बुवाई गतिविधियों, राजमार्ग के ढाबों को दे सकती है छूट

केंद्र के अधिकारियों ने मंगलावार को संकेत दिया कि कोरानावायरस के चलते देशव्यापी पाबंदियों या ‘लॉकडाऊन' की विस्तारित अवधि के दौरान खेती बाड़ी, मछलीपालन गतिविधियों और फार्मा उद्योग को पाबंदियों से कुछ छूट दी जाएगी.

लॉकडाउन : सरकार कटाई, बुवाई गतिविधियों, राजमार्ग के ढाबों को दे सकती है छूट
खेती बाड़ी, मछलीपालन गतिविधियों और फार्मा उद्योग को पाबंदियों से कुछ छूट दी जा सकती है.
नई दिल्ली:

केंद्र के अधिकारियों ने मंगलावार को संकेत दिया कि कोरानावायरस के चलते देशव्यापी पाबंदियों या ‘लॉकडाऊन' की विस्तारित अवधि के दौरान खेती बाड़ी, मछलीपालन गतिविधियों और फार्मा उद्योग को पाबंदियों से कुछ छूट दी जाएगी, लेकिन करीब 720 में से 370 जिलों में पाबंदियां जारी रहेंगी और एक जिले से दूसरे जिले में आवाजाही पर पूर्ण रोक रहेगी. संभावित छूट चरणबद्ध तरीके से 20 अप्रैल के बाद ही दिए जाने की संभावना है.

अधिकारियों के अनुसार जिन जिलों में ‘कोविड-19' का कोई मामला सामने नहीं आया है, वहां राजमार्ग के ''ढाबों'', ट्रक मरम्मत की दुकानों और स्थानीय मजदूरों को लेकर किये जा रहे निर्माण कार्यों को भी अनुमति दी जा सकती है.
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ‘लॉकडाऊन' को तीन मई तक बढ़ाने की घोषणा की है. पहले यह 25 मार्च को 21 दिनों के लिए लगाया गया था.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारी प्रतिबंधों के संबंध में नए दिशानिर्देशों को तैयार करने में व्यस्त हैं. बढ़ी अवधि में लॉकडाउन के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए विस्तृत व्यापक मानदंडों को लागू किया जाएगा. इन मानकों के आधार पर छूट को तय किया जाएगा. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि कटाई और बुवाई के काम में शारीरिक दूरी बना कर रखने की शर्त के साथ छूट दी जा सकती है. इसी तरह की शर्तों के साथ फार्मा उद्योग, मछलीपालन संबंधी कामकाज, राजमार्ग किनारे के ढाबों, ट्रक मरम्मत की दुकानों को भी खोलने की अनुमति दी जाएगी.

असम और मेघालय सहित कई राज्यों ने पहले ही शराब की दुकानें खोलने की अनुमति दे दी है, लेकिन दिशानिर्देशों में राज्य सरकारों को अपनी आबकारी नीति को लागू करने की अनुमति दी गई है. ग्यारह अप्रैल को प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गई मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन के दौरान, कई मुख्यमंत्रियों ने शराब की दुकानों को खोलने की जोरदार वकालत की थी क्योंकि यह उनके राजस्व का महत्वपूर्ण स्रोत है.

अधिकारियों ने कहा कि देश में लगभग 720 जिलों में, लगभग 370 वर्तमान में कोरोनोवायरस महामारी से प्रभावित हैं.
पूरे देश को कोविड-19 मामलों की संख्या के आधार पर तीन क्षेत्रों - लाल, नारंगी और हरे - में विभाजित किए जाने की संभावना है. रेड जोन वे जिले होंगे जहां बड़े संख्या में कोविड-19 के मामलों का पता लगा है या जिन क्षेत्रों को हॉटस्पॉट घोषित किया गया था. ऑरेंज जोन वे जिले होंगे जहां अतीत में कुछ ही मामले पाए गए और बाद में इससे प्रभावित लोगों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं हुई है. ग्रीन जोन वह क्षेत्र होगा जिन जिलों में इस वायरस से प्रभावित होने का कोई मामला नहीं है.

एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि तीन मई तक लोगों का दूसरे जिले में आने जाने की कोई गतिविधि नहीं होगी और कृषि थोक बाजारों (मंडी) को सीमित संख्या में खरीदारों और विक्रेताओं के साथ काम करने की अनुमति दी जाएगी.
कृषि और एमएसएमई मजदूरों के परिवहन में भी छूट होगी, जिन्हें सामाजिक दूरी के नियमों के पालन करने के साथ सुरक्षित घरों में रखने की अनुमति होगी.

गृह मंत्रालय ने मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों द्वारा दिए गए सुझावों के आधार पर कई दिशा दिशानिर्देश तैयार किए हैं. जिन जिलों की पहचान कोरोनावायरस हॉटस्पॉट के रूप में की गई थी, उन्हें अलग-थलग कर दिया जाएगा और ग्रीन जोन को जो छूटें दी गई हैं, वे वहां लागू नहीं होगी.

अधिकारी ने कहा कि जिला मजिस्ट्रेटों से अपेक्षा की जाती है कि वे नियंत्रण उपायों को लागू करेंगे और उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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