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खास बातें
- एनडीटीवी को कुछ दस्तावेज़ मिले हैं जिनसे पता चलता है कि लियाकत अली शाह उन आतंकवादियों में शामिल है जो सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सरेंडर करने के लिए पाकिस्तान से लौट रहे हैं।
नई दिल्ली: संदिग्ध आतंकी लियाकत शाह की गिरफतारी पर आमने सामने खड़ी दिल्ली पुलिस और जम्मू कश्मीर पुलिस के दावों की जांच नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी कर रही है।
दिल्ली पुलिस का कहना है वह आतंकी है जिसने दिल्ली में धमाके की साज़िश की थी और जम्मू कश्मीर पुलिस का कहना है वह समर्पण के लिए आ रहा था। एनडीटीवी को कुछ दस्तावेज़ मिले हैं जिनसे पता चलता है कि लियाकत अली शाह उन आतंकवादियों में शामिल है जो सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सरेंडर करने के लिए पाकिस्तान से लौट रहे हैं।
सरकार ऐसे 223 आतंकवादियों के पुनर्वास पर काम कर रही है और लियाकत का नाम इस लिस्ट में 51वें नंबर पर है।
इस टकराव का एक असर सीधे−सीधे आतंकियों के लिए बनाई जा रही पुनर्वास नीति पर पड़ने जा रहा है। एनडीटीवी को केन्द्र सरकार के सूत्रों के हवाले से ख़बर मिली है कि केन्द्र सरकार घर लौट रहे आतंकवादियों की आत्मसमर्पण नीति में बदलाव कर रही है। केन्द्र सरकार एक विस्तृत आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति बनाना चाहती है।
लियाक़त अली केस से सीख लेकर एजेंसियों में बेहतर तालमेल की ज़रूरत है। लियाक़त अली केस में जम्मू−कश्मीर सरकार और पुलिस दोनों की बात सरकार को सुननी है।