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This Article is From Oct 11, 2013

सीमांध्र में पटरी पर लौटने लगा जनजीवन

सीमांध्र में पटरी पर लौटने लगा जनजीवन
सीमांध्र में शांति
हैदराबाद:

आंध्र प्रदेश से अलग तेलंगाना राज्य गठन के केंद्र सरकार के फैसले के विरुद्ध आंदोलन के बाद जनजीवन सामान्य होने लगा है। बिजलीकर्मियों, शिक्षकों और राज्य सचिवालय के कर्मचारियों ने अस्थायी तौर पर अपनी हड़ताल वापस ले ली है।

बिजलीकर्मियों और शिक्षकों के काम पर लौटने के फैसले के अगले दिन शुक्रवार को राज्य सचिवालय में तैनात सीमांध्र क्षेत्र (रायलसीमा और तटीय आंध्र) के कर्मचारियों ने अपनी 38 दिन पुरानी हड़ताल अस्थायी तौर पर खत्म कर दी। बताया जा रहा है कि हड़ताल खत्म करने का निर्णय कर्मचारी नेताओं की मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी के साथ बातचीत होने के बाद लिया गया।

संभावना है कि मुख्यमंत्री की अपील पर सीमांध्र के अन्य सरकारी कर्मचारी और राज्य परिवहन निगम के कर्मचारी भी अपनी हड़ताल जल्द ही खत्म कर देंगे।

सीमांध्र के बिजली कर्मचारी पांच दिन बाद शुक्रवार को काम पर लौट आए। बिजली आपूर्ति बहाल होने से लोगों, खासकर अस्पतालों में भर्ती मरीजों को काफी राहत मिली है।

मुख्यमंत्री के साथ वार्ता के बाद सरकारी स्कूलों और कालेजों के दो लाख से अधिक शिक्षकों ने गुरुवार को हड़ताल वापस ले ली थी। लगभग दो महीनों से बंद शैक्षिक संस्थान दशहरा और बकरीद की छुट्टियों के बाद 17 अक्टूबर को फिर से खुल जाएंगे।

छह लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी जो 12 अगस्त से ही हड़ताल पर हैं, वे भी संभवत: हड़ताल खत्म कर देंगे। संभावना है कि आंध्र प्रदेश अराजपत्रित अधिकारी संघ अपनी जिला इकाइयों के साथ परामर्श के बाद जल्द ही इस आशय की घोषणा करेगा।

राज्य परिवहन निगम के कर्मचारी नेता वेतन-भत्तों में वृद्धि के संबंध में सरकार की ओर से आश्वासन मिलते ही हड़ताल खत्म करने की औपचारिक घोषणा कर सकते हैं। इसके बाद सरकारी बसें सड़कों पर दौड़ती नजर आएंगी।

कर्मचारियों के कई गुटों ने मुख्यमंत्री से यह आश्वासन मिलने के बाद हड़ताल खत्म कर दी है कि तेलंगाना राज्य गठन के प्रस्ताव को विधानसभा में दो बार पेश किया जाएगा। एक बार राय जानने के लिए और दूसरी बार मतदान के लिए। वे आश्वस्त हैं कि सीमांध्र के विधायक तेलंगाना विधेयक के खिलाफ मतदान करेंगे।

कर्मचारी नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री ने कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के हवाले से उन्हें आश्वस्त किया है कि तेलंगाना गठन संबंधी प्रस्ताव विचार के लिए आंध्र प्रदेश विधानसभा को दो बार भेजा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को दिग्विजय सिंह से फोन पर बात कर उन्हें बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के बयान से कर्मचारियों में गलतफहमी पैदा हो गई है, जिस कारण वे हड़ताल वापस लेने में देर कर रहे हैं। शिंदे ने गुरुवार को कहा था कि तेलंगाना प्रस्ताव आंध्र विधानसभा में विचार के लिए केवल एक बार ही भेजा जाएगा।

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