
नई दिल्ली:
वर्ष 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति तैयार करने के लिए बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेताओं ने आज बैठक की।
बैठक में बीजेपी के नए अध्यक्ष राजनाथ सिंह, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी तथा लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज के अतिरिक्त आरएसएस की ओर से भैयाजी जोशी और सुरेश सोनी मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक बैठक में बीजेपी की राजनैतिक योजना और चुनाव तक के महीनों के लिए रणनीति पर चर्चा की गई।
दरअसल यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही थी, क्योंकि पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर पार्टी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सहयोगी दलों में चर्चाएं आजकल जोरों पर हैं। एनडीए के प्रमुख घटक शिवसेना ने भी साफ शब्दों में कह दिया है कि 2014 के आम चुनाव के लिए गठबंधन के उम्मीदवार का नाम जल्द तय करना होगा।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि बीजेपी ने जो गलती राष्ट्रपति चुनाव के दौरान की थी, उसे न दोहराए। उद्धव ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री पद के लिए शिवसेना के दिवंगत नेता बाला साहेब ठाकरे की पसंद सुषमा स्वराज थीं, लेकिन अगर बीजेपी के पास कोई नाम है, तो वह उसे सामने लाए। उद्धव के बयान से साफ है कि नरेंद्र मोदी को उनका समर्थन हासिल नहीं है, जिनके नाम की चर्चाएं सबसे ज्यादा हो रही हैं। एनडीए के एक और घटक दल जेडीयू का भी मोदी की तरफ ऐसा ही रवैया है।
बैठक में बीजेपी के नए अध्यक्ष राजनाथ सिंह, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी तथा लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज के अतिरिक्त आरएसएस की ओर से भैयाजी जोशी और सुरेश सोनी मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक बैठक में बीजेपी की राजनैतिक योजना और चुनाव तक के महीनों के लिए रणनीति पर चर्चा की गई।
दरअसल यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही थी, क्योंकि पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर पार्टी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सहयोगी दलों में चर्चाएं आजकल जोरों पर हैं। एनडीए के प्रमुख घटक शिवसेना ने भी साफ शब्दों में कह दिया है कि 2014 के आम चुनाव के लिए गठबंधन के उम्मीदवार का नाम जल्द तय करना होगा।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि बीजेपी ने जो गलती राष्ट्रपति चुनाव के दौरान की थी, उसे न दोहराए। उद्धव ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री पद के लिए शिवसेना के दिवंगत नेता बाला साहेब ठाकरे की पसंद सुषमा स्वराज थीं, लेकिन अगर बीजेपी के पास कोई नाम है, तो वह उसे सामने लाए। उद्धव के बयान से साफ है कि नरेंद्र मोदी को उनका समर्थन हासिल नहीं है, जिनके नाम की चर्चाएं सबसे ज्यादा हो रही हैं। एनडीए के एक और घटक दल जेडीयू का भी मोदी की तरफ ऐसा ही रवैया है।
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