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This Article is From Aug 24, 2017

लालू की रैली को लेकर विपक्षी दलों में क्यों है असमंजस, उठ रहे हैं ये 5 सवाल

इस रैली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के भाग लेने के बारे में पूछे जाने पर लालू ने कहा कि वे भी भाग ले सकते हैं.

लालू की रैली को लेकर विपक्षी दलों में क्यों है असमंजस, उठ रहे हैं ये 5 सवाल
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ( फाइल फोटो )
नई दिल्ली: बसपा अध्यक्ष मायावती के आगामी 27 अगस्त को पटना में आयोजित राजद की रैली में नहीं शामिल होने की रिपोर्ट के बीच राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने बताया कि रैली में उनकी पार्टी का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ नेता सतीश मिश्र करेंगे. लालू ने कहा कि उनकी मायावती से बात हुई. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और सीपी जोशी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संदेश के साथ रैली में भाग लेंगे. इस रैली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के भाग लेने के बारे में पूछे जाने पर लालू ने कहा कि वे भी भाग ले सकते हैं. राजद प्रमुख ने दावा किया कि उनकी रैली में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और जदयू के बागी वरिष्ठ नेता शरद यादव भाग लेंगे. पूर्व में राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने अपनी पार्टी की आगामी 27 अगस्त को आयोजित 'भाजपा बचाव देश बचाओ' रैली में मायावती और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद यादव के एक मंच पर होने का दावा किया था. उस वक्त जदयू महागठबंधन में शामिल थी. यह पूछे जाने पर कि नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के प्रधान महासचिव के सी त्यागी ने कहा है कि अगर शरद पार्टी लाइन से हटकर राजद की उक्त रैली में भाग लेते हैं तो उनकी राज्यसभा से सदस्यता चली जाएगी, इस पर लालू ने कहा कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है.

यह भी पढ़ें : बिहार में लालू यादव की 'भाजपा भगाओ रैली' को लेकर कांग्रेस में क्यों है असमंजस...

....तो उठते हैं यह कई अहम सवाल​

1- केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद यह शायद पहली बड़ी रैली है जिसमें विपक्षी एकता का दावा किया जा रहा था लेकिन इससे सभी बड़े चेहरे नदारद हैं.

2- इस रैली के कर्ता-धर्ता लालू प्रसाद यादव हैं और वह चारा घोटाले में दोषी साबित हो चुके हैं. तो क्या कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित कई नेता अपनी छवि बचाने के लिए लालू प्रसाद के साथ एक मंच में आने घबरा रहे हैं.

3- इससे पहले लालू प्रसाद यादव ने दावा किया था इस रैली में मायावती और अखिलेश यादव हिस्सा लेंगे. अगर ऐसा होता तो यह विपक्षी एकता की सबसे बड़ी कामयाबी होती. लेकिन मायावती ने जाने से इनकार कर दिया है और प्रतिनिधि के रूप में सतीश चंद्र मिश्रा को भेजने का फैसला किया है. इससे संदेश साफ है कि वह अभी समाजवादी पार्टी को माफ करने के मूड में नही हैं.

4- कांग्रेस की ओर से गुलाम नबी आजादऔर सीपी जोशी हिस्सा लेंगे. जबकि कुछ दिन पहले ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा था कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी विपक्षी दलों को एक करने की कोशिश में लगे हुए हैं लेकिन इस रैली में वह हिस्सा लेंगे या नहीं इस पर कुछ भी साफ नहीं है.

5- बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल चुके लालू प्रसाद यादव को विपक्षी दलों से सिर्फ सिर्फ प्रतिनिधियों का आश्वासन दिया जाएगा. अगर ऐस है तो लालू इस लड़ाई को अकेले कितनी दूर तक ले जाए पाएंगे. 

VIDEO : लालू और शहाबुद्दीन के संबंध



इनपुट : भाषा

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