लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा में चार किसानों सहित 8 लोगों की मौत हुई थी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले पर आज सुप्रीम कोर्टमें हुई सुनवाई में CJI ने यूपी सरकार पर सवाल उठाए और पूछा कि हत्या के मामले में आरोपी से अलग व्यवहर क्यों हो रहा है ? कोर्ट ने साफ कहा कि हम यूपी सरकार की जांच से संतुष्ट नहीं .राज्य सरकार को कदम उठाने होंगे.' सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही किसी दूसरी एजेंसी को जांच सौंपने का संकेत भी दिया. मामले में यूपी सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे कोर्ट में पेश हुए. उन्होंने माना कि इस मामले में पर्याप्त प्रयास नहीं किया गया है.
मामले में जुड़ी खास बातें...
- CJI ने कहा कि लगता है यूपी सरकार ने यही कदम नहीं उठाया. इस पर यूपी सरकार की ओर से पेश कर हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा- हां अफसरों को जरूरत के मुताबिक काम करना चाहिए था
- यूपी सरकार की ओर से पेश हुए वकील हरीश साल्वे ने कहा, 'आपने नोटिस जारी किया था.' इस पर सीजेआई ने कहा, 'हमने नोटिस जारी नहीं किया था.हमने स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी' इस पर साल्वे ने कहा कि सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है.
- CJI ने कहा कि मुख्य आरोपी के खिलाफ बेहद गंभीर मामला है. साल्वे ने कहा कि हमने उसको फिर से नोटिस जारी कर कल 11 बजे पेश होने को कहा है. अगर वो पेश नहीं होता है तो कानून अपना काम करेगा.
- यूपी सरकार की ओर से पेश हुए हरीश साल्वे कहा कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में कोई बुलेट के चोट नही है, इसलिए आरोपी को नोटिस दिया गया.'
- हरीश साल्वे ने कहा कि पोस्टमॉर्टम में गोली के घाव नहीं मिले. जिस तरह से कार चलाई गई, आरोप सही लगते हैं.यह शायद हत्या का मामला है.
- इस पर जस्टिस हिमा कोहली ने कहा-शायद? साल्वे ने कहा, 'मैंने शायद इसलिए कहा क्योंकि मैं नहीं चाहता कि आरोपी कल ये कहे कि मैंने उसके सामने आने से पहले ही अपना मन बना लिया था.सबूत मजबूत है. अगर सबूत सही हैं तो ये धारा 302 हत्या का मामला है.'