पूर्वी लद्दाख में टकराव वाली जगहों से सैनिकों को पूरी तरह से हटाये जाने के लिए एक रूपरेखा तैयार करने के एक एजेंडे के साथ भारत और चीन की सेनाओं के बीच कोर कमांडर स्तर की सातवें दौर की चर्चा हो रही है. यह बैठक आज 12.30 बजे से लेह के चुशूल में शुरू हुई. बैठक का एजेंडा विदेश और रक्षा मंत्रियों के बातचीत के मुताबिक सीमा पर डीएस्कलेशन स्थापित करना है. गौर हो कि पिछले कुछ महीनों से भारत और चीन की सेनाएं सीमा पर आमने-सामने डटी हुई हैं. सेनाओं को किस तरह से पीछे ले जाना है इस पर चर्चा की जानी है. भारत का कहना है कि चीन जहां-जहां सीमा पर आगे बढ़ा है और अतिरिक्त सैनिकों को तैनात किया है उन सब जगहों से सैनिको को पीछे ले जाए.
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 21 सितम्बर को हुई सैन्य स्तर की वार्ता के पिछले दौर के बाद दोनों पक्षों ने कुछ निर्णयों की घोषणा की थी जिसमें और सैनिकों को अग्रिम मोर्चे पर नहीं भेजने, एकतरफा रूप से जमीनी स्थिति को बदलने से बचने और ऐसे कार्यों को करने से बचने की बात कही गई थी जो आगे मामले को जटिल कर सकते हैं. इससे पहले तनाव बढ़ने पर दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की 10 सितम्बर को मास्को में बैठक हुई थी जहां वे पूर्वी लद्दाख में स्थिति को शांत करने के लिए पांच सूत्री समझौते पर पहुंचे थे.
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गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच मई के पहले हफ्ते से सीमा पर टकराव से जारी है. 15 जून को गलवान घाटी में दोनो देशों के बीच खूनी हिंसा भी हुई थी. जहां सरहद की हिफ़ाजत में 20 भारतीय जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे तो वहीं चीन के भी करीब 35 सैनिक मारे गए थे. फिलहाल बॉर्डर पर हालात सुलझने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं.
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