Ladakh Clash: चीन के साथ सीमा मामले में चल रहे गतिरोध के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने जोर देकर रहा है कि चीन की कंपनियों (Chinese companies) को राजमार्ग परियोजनाओं (Highway projects) में भाग लेने की अनुमति भारत नहीं देगा. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री गडकरी ने यह भी कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि चीनी निवेशकों का सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) जैसे विभिन्न क्षेत्रों में निवेश नहीं हो.गडकरी के पास एमएसएमई मंत्रालय की भी जिम्मेदारी है. गडकरी ने कहा, "हम सड़क निर्माण के लिए चीनी भागीदारों वाले संयुक्त उद्यमों को अनुमति नहीं देंगे. हमने कड़ा रुख अपनाया है कि अगर वे (चीनी कंपनियां) संयुक्त उद्यम के जरिए आते हैं, तो हम इसकी अनुमति नहीं देंगे."
सड़क परिवहन, राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री ने कहा कि इस संबंध में एक नीति जल्द ही लाई जाएगी जिसमें चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने और भारतीय कंपनियों के जमार्ग परियोजनाओं में भागीदारी के लिए पात्रता मानदंड का विस्तार करने के प्रावधान होंगे. इस समय कुछ प्रोजेक्ट में चीनी कंपनियां सहयोगी हैं, इनमें बारे में फैसला काफी पहकले हुआ था, इस बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मौजूदा और भविष्य के टेंडर्स में नए फैसले का पालन किया जाएगा.मौजूदा टेंडर्स और भविष्य की बोलियों के संबंध में, गडकरी ने कहा कि अगर कोई चीनी संयुक्त उद्यम होता है तो पुन: निविदा निकाली जाएगी. उन्होंने कहा, "हमने अपनी कंपनियों के लिए मानदंडों में ढील देने का फैसला किया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे बड़ी परियोजनाओं में बोली लगाने में योग्य हैं.उन्होंने इस संबंध में राजमार्ग सचिव गिरिधर अरमाणे और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के चेयरमैन एसएस संधू को निर्देश जारी कर दिए हैं कि वह घरेलू कंपनियों के लिए प्रौद्योगिकी और वित्तीय योग्यता नियमों को आसान करें.
उन्होंने विस्तार में इसे समझाते हुए कहा, ‘‘यदि कोई ठेकेदार कंपनी किसी छोटी परियोजना के लिए चयनित होने की योग्यता रखता है तो वह बड़ी परियोजनाओं के लिए भी योग्य हो सकती है. निर्माण से जुड़े नियम सही नहीं हैं इसलिए मैंने इन्हें बदलने के लिए बोला है ताकि हम भारतीय कंपनियों को प्रोत्साहित कर सकें.''मंत्री ने कहा कि इन नियमों में बदलाव इस तरह किया जाएगा कि घरेलू कंपनियों को किसी विदेशी भागीदार के साथ संयुक्त उपक्रम न बनाना पड़े.
गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक संघर्ष (Ladakh Clash) और एलएसी पर चीन के आक्रामक रुख के बीच केंद्रीय मंत्री गडकरी का यह बयान सामने आया है. पूर्वी लद्दाख में हुए संघर्ष में भारत के 20 जवानों को जान गंवानी पड़ी थी. खबर है कि करीब 45 चीनी सैनिकों को इस संघर्ष में या तो जान गंवानी पड़ी थी या वे बुरी तरह से घायल हुए थे. दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने के बीच, सरकार ने सोमवार को टिकटॉक सहित 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया. इन चीनी एप्स को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से खतरा माना जा रहा है.
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