प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है. इ्सके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि लॉकडाउन-4 भी 18 मई से लागू हो जाएगा जिसके नियम जल्द ही जारी कर दिए जाएंगे. वहीं बीते हफ्ते उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने श्रम कानूनों (Labour Law) में बदलाव किए हैं. इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि प्रदेश में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और लोगों को रोजगार दिया जा सकेगा. दरअसल 25 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन की वजह से उद्योग-धंधों पर बुरा असर पड़ा है. बाजार में मांग कम होने से उत्पादन कम हो रहा है और फैक्टरियों से मजदूर, कामगार की या तो नौकरी जा रही है या फिर उनकी सैलरी में कटौती हो रही है. सबसे ज्यादा प्रभावित असंगठित क्षेत्र के मजदूर हुए हैं. रियल सेक्टर में काम बंद होने से कई बड़े प्रोजेक्ट बंद पड़े हैं और मजदूरों के पास काम नहीं है. कंपनियों और फैक्टरियों को घाटा हो रहा है. उद्योग धंधों को इससे उबारने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अगले तीन सालों तक श्रम कानूनों (Labour Laws) में छूट देने का फैसला किया है. जिसका विरोध विपक्ष के साथ-साथ आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने किया है.
राज्य सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक, कारखाना अधिनियम 1948 के अंर्तगत आने वाले रजिस्ट्रीकृत सारे कारखाने धारा 51, 54, 55, 56, और धारा 59 के तहत कर्मचारियों के लिए साप्ताहिक, घंटों, दैनिक घंटों, अतिकाल, और विश्राम आदि से संबंधित विभिन्न नियमों से 19 जुलाई 2020 तक के लिए छूट के लिए छूट के लिए प्राप्त होंगे.
- जारी आदेश के मुताबिक कोई कर्मचारी किसी भी कारखाने में प्रति दिन 12 घंटे और सप्ताह में 72 घंटे से ज्यादा काम नहीं करेगा. पहले यह अवधि दिन में 8 घंटे और सप्ताह में 48 घंटे थी.
- 12 घंटे की शिफ्ट के दौरान 6 घंटे के बाद 30 मिनट का ब्रेक दिया जाएगा.
- 12घंटे की शिफ्ट करने वाले कर्मचारी की मजदूरी दरों के अनुपात में होगी यानी अगर किसी मजदूर की आठ घंटे की 80 रुपये है तो उसे 12 घंटे के 120 रुपये दिए जाएंगे. आपको बता दें कि पहले ओवर टाइम करने पर प्रतिघंटे सैलरी के हिसाब से दोगुनी सैलरी मिलती थी.
श्रम कानून में बदलाव पर मुख्यमंत्रियों से मुलाकात कर विरोध जाएगा BMS
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