जम्मू-कश्मीर मामले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बंद कमरे की बैठक में पाकिस्तान और चीन के मंसूबों पर पानी फिरने के बाद डॉ. कुमार (Dr Kumar Vishvas) ने चुटकी ली है. उन्होंने अपने अनूठे अंदाज में तुकबंदी के जरिये पाकिस्तान और चीन, दोनों पर तंज कसा है. कुमार विश्वास ने अपने ट्विटर अकाउंट पर पाकिस्तानी पीएम इमरान खान को टैग करते हुए लिखा, ' यूएन से लौटे मुंह लटकाए, पाक चाइना मिलकर गाएं, दोनों किसी को नजर नहीं आएं, चल सिंधु में डूब जाएं...' आपको बता दें कि यूएनएससी की बैठक में जम्मू-कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने में जुटे पाकिस्तान और उसके सहयोगी देश चीन को तगड़ा झटका लगा. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की यह बंद कमरे की बैठक बेनतीजा और बगैर किसी बयान के समाप्त हुई.
यूएन से लौटे मुँह लटकाए ,
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) August 18, 2019
पाक चाइना मिलकर गाएँ ,
दोनो किसी को नजर नही आएँ
चल सिंधु मे डूब जाएँ...! @ImranKhanPTI 🤪👎
वैश्विक संस्था की 15 देशों की सदस्यता वाली परिषद के ज्यादातर देशों ने इस बात पर जोर दिया कि यह भारत और पाक के बीच एक द्विपक्षीय मामला है. चीन के अनुरोध पर शुक्रवार को बुलायी गयी यह अनौपचारिक बैठक करीब एक घंटे तक चली. सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों में ज्यादातर का कहना था कि इस चर्चा के बाद कोई बयान या नतीजा जारी नहीं किया जाना चाहिए और आखिरकार उनकी ही बात रही. सूत्रों ने बताया कि यूएनएससी अध्यक्ष ने चर्चा के बाद कहा, ‘पाकिस्तान द्वारा कश्मीर मुद्दा संयुक्त राष्ट्र में उठाने का कोई आधार नहीं है. इस बार भी उसकी बातों में कोई दम नहीं था.' वहीं, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने मीडिया से कहा कि ‘‘यदि राष्ट्रीय बयानों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय की इच्छा के रूप में पेश करने कोशिश की जाएगी'' तो वह भी भारत का राष्ट्रीय रूख सामने रखेंगे. उनका इशारा चीन और पाकिस्तान के बयानों की ओर था.
जम्मू-कश्मीर मामले पर पाक और चीन को यूएनएसी में तगड़ा झटका, इन देशों ने किया भारत का समर्थन
सूत्रों के अनुसार सुरक्षा परिषद के सदस्यों के साथ इस चर्चा में भारत ने एक-एक कर सारी दलीलें ध्वस्त कर दी. भारत का यह रूख रहा कि कैसे कोई संवैधानिक मामला शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है, जैसा कि पाकिस्तान ने अनुच्छेद 370 के संदर्भ में दावा किया है. सूत्रों के अनुसार परिषद में अफ्रीकी देशों, आईवरी कोस्ट एवं इक्वेटोरियल गुएना, डोमिनिकन रिपब्लिक, जर्मनी, अमेरिका, फ्रांस और रूस ने भारत का समर्थन किया. संयुक्त राष्ट्र के कूटनीतिक सूत्र ने कहा कि फ्रांस क्षेत्र की स्थिति पर नजर रखे हुए है. उसकी प्राथमिकता यह है कि भारत एवं पाकिस्तान द्विपक्षीय संवाद करे. अमेरिका और जर्मनी का भी यही रूख था.
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