Kulbhushan Jadhav: पाकिस्तान की जेल में जासूसी के आरोप में बंद भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी कुलभूषण जाधव ने रिव्यू पिटीशन दाखिल करने से इनकार कर दिया है. पाकिस्तान का दावा है कि उसने जाधव को दूसरा काउंसुलर एक्सेस देने का ऑफर रखा है. पाकिस्तान ने जाधव को 17 जून को रिव्यू पिटीशन फाइल करने को कहा लेकिन जाधव ने मना कर दिया. पाकिस्तान ने इस बाबत भारतीय उच्चायोग को लिख दिया है. पाकिस्तान ने दूसरा काउंसुलर एक्सेस ऑफ़र किया है.
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में पाकिस्तान के एडिशनल एटॉर्नी जनरल अहमद इरफान ने कहा कि 17 जून को कुलभूषण जाधव को रिव्यू पिटीशन दाखिल करने को कहा गया लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. वे मर्सी पिटीशन के जरिए आगे बढ़ना चाहते हैं. गौरतलब है कि पाकिस्तान ने जाधव की पहले दायर की गई दया याचिका पर कोई जवाब नहीं दिया है.
पिछले साल इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस की 16 सदस्यीय बेंच में 15-1 से भारत के पक्ष में फैसला आने के बाद पाकिस्तान कुलभूषण जाधव के मामले की समीक्षा के लिए बाध्य हुआ है. कुलभूषण जाधव को जासूसी और आतंकवाद के झूठे मामले में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने मौत की सजा दी है.
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने पाकिस्तान को इस फैसले को रिव्यू करने को कहा. पाक सैन्य अदालत के फैसले का नागरिक अदालत में रिव्यू नहीं हो सकता. पाक विदेश मंत्रालय के मुताबिक पाकिस्तान ने 20 मई को एक ऑर्डिनेंस जारी कर पाकिस्तान सैन्य अदालत के फैसले के रिव्यू का रास्ता खोला. इस अध्यादेश की मियाद दो महीने है जो 20 जुलाई को पूरी हो रही है.
पाकिस्तान ने जाधव के लिए दूसरा काउंसुलर एक्सेस देने का प्रस्ताव रखा है. इन सब बातों पर भारत के विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया का इंतजार है.
बता दें कि जाधव को अप्रैल 2017 में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी. बाद में भारत जाधव तक राजनयिक पहुंच प्रदान करने से इनकार करने और मौत की सजा को चुनौती देते हुए पाकिस्तान के खिलाफ आईसीजे यानी इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस पहुंचा था, जहां पर उसके पक्ष में फैसला आया था. आईसीजे ने पाकिस्तान से जाधव की सजा की समीक्षा करने और उन्हें जल्द से जल्द काउंसुलर एक्सेस देने का आदेश दिया था. तब से भारत इस आदेश को लागू कराने की कोशिश में पाकिस्तान के संपर्क में बना हुआ है.
इस मामले में भारत के आवेदन को स्वीकार करने पर पाकिस्तान की आपत्ति को खारिज करते हुए आईसीजे ने 42 पन्नों के अपने आदेश में कहा था कि मौत की सजा की तामील पर लगातार स्थगन से जाधव के दंड की समीक्षा की अपरिहार्य स्थिति पैदा होती है. जाधव को सुनाए गए दंड से दोनों पड़ोसी देशों में तनाव पैदा हो गया है. हालांकि आईसीजे ने सैन्य अदालत के फैसले को रद्द करने, उसकी रिहाई समेत भारत की कई मांगें खारिज कर दी थी.
बता दें कि पाकिस्तान ने पिछले साल नवंबर में जाधव के मामले में किसी भी तरह के समझौते से इनकार कर दिया था. पाकिस्तान की तरफ से कहा गया कि आईसीजे के फैसले को लागू करने को लेकर संविधान के अनुसार ही कोई कदम उठाया जाएगा.
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