विज्ञापन
This Article is From Sep 05, 2021

केरल की मुख्यधारा की पार्टियों में तालिबान को समर्थन देने की होड़ : प्रदेश भाजपा अध्यक्ष

राज्य की वाम सरकार और यहां की पुलिस पर हमला करते हुए भाजपा नेता कहा कि उनके ‘गैरजिम्मेदाराना’ रुख की वजह से राज्य में चरपंथी शक्तियों की ताकत बढ़ रही है.

केरल की मुख्यधारा की पार्टियों में तालिबान को समर्थन देने की होड़ : प्रदेश भाजपा अध्यक्ष
प्रतीकात्मक तस्वीर.
तिरुवनंतपुरम:

भाजपा की केरल इकाई के अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने शनिवार को आरोप लगाया कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से राज्य की मुख्यधारा की पार्टियों में उसे समर्थन देने की होड़ लगी हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि पड़ोसी देश में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से सत्तारूढ़ माकपा नीत एलडीएफ (वाम लोकतांत्रिक मोर्चा) और कांग्रेस नीत विपक्षी यूडीएफ (संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा) अलग तरह की राजनीति कर रही है. सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि जिन्होंने तालिबान के समर्थन का रुख अपनाया,वे वहीं हैं, जो वर्ष 1921 में राज्य में हुए मोपला दंगों पर लीपा-पोती करने कोशिश कर रहे हैं. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ केरल में, मुख्य धारा की पार्टियां तालिबान का समर्थन करने के लिए एक दूसरे से होड़ कर रही हैं. राज्य में नेता दूध और शहद देकर धार्मिक उग्रवाद का पोषण कर रहे हैं.''

बंगाल पुलिस ने 2018 के केस में बीजेपी के सुवेंदु अधिकारी को तलब किया

राज्य की वाम सरकार और यहां की पुलिस पर हमला करते हुए भाजपा नेता कहा कि उनके ‘गैरजिम्मेदाराना' रुख की वजह से राज्य में चरपंथी शक्तियों की ताकत बढ़ रही है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर के युवाओं की बिना लाइसेंसी हथियार के साथ राज्य में हाल में हुई गिरफ्तारी को ‘गंभीर' करार दिया. राज्य में इस बात को लेकर बहस चल रही है कि वर्ष 1921 में राज्य के उत्तरी हिस्से में शुरु हुआ मालाबार विद्रोह उर्फ ‘मोपला (मुस्लिम) विद्रोह ब्रिटिश सरकार के खिलाफ विद्रोह था या सांप्रदायिक दंगा. ऐसे में सुरेंद्रन के बयान को अहम माना जा रहा है.

दिल्ली में जलभराव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस ने 'आप' सरकार पर साधा निशाना

माकपा ने इसे सामंतवादी जमींदारों के शोषण के खिलाफ सबसे संगठित विरोध करार दिया है, जबकि कांग्रेस ने इसे साम्राज्यवादी ताकतों के खिलाफ आंदोलन बताया है. इसके उलट भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने इसे भारत में तालिबानी मानसिकता का पहला प्रदर्शन करार दिया है. भाजपा और आरएसएस ने वाम दलों और कांग्रेस द्वारा इसे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के हिस्से के रूप में देखे जाने का विरोध किया है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com