सुप्रीम कोर्ट ने कहा, तमिलनाडु 31 अगस्त तक मुल्लापेरियार बांध का स्तर 139.9 फीट करे

केरल में बाढ़ के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि वो इस मामले में  मानव जीवन की सुरक्षा को लेकर चिंतित है. सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को कहा कि वो 31 अगस्त तक मुल्लापेरियार बांध का स्तर 139.9 फीट करें.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, तमिलनाडु 31 अगस्त तक मुल्लापेरियार बांध का स्तर 139.9 फीट करे

मुल्‍लपेरियार बांध (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

केरल में बाढ़ के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि वो इस मामले में  मानव जीवन की सुरक्षा को लेकर चिंतित है. सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को कहा कि वो 31 अगस्त तक मुल्लापेरियार बांध का स्तर 139.9 फीट करें. सुप्रीम कोर्ट के पैनल ने कोर्ट को बताया कि तमिलनाडु 142 फीट से पानी के स्तर को 139.9 करने पर राजी हो गया है.

वहीं तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में केरल सरकार के आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि केरल का ये आरोप कि बाढ़ का ये भी कारण है वो गलत और जमीनी सच्चाई के विपरीत है. वो सिर्फ इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कर रहा है जिसमें 142 फीट स्तर का आदेश दिया गया था. तमिलनाडु ने कहा कि 16 अगस्त से ही केरल मे TMC पानी रिलीज किया गया है अगली सुनवाई 6 सितंबर को होगी. 

केरल के चीफ सेकेटरी ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में राज्य में बाढ़ के लिए तमिलनाडु पर आरोप लगाया. कोर्ट ने कहा कि मुल्लापेरियार बांध से  केरल में अचानक अतिरिक्त जल निकासी बाढ़ के कारणों में से एक है. 1924 की बाढ़ के बाद राज्य के इतिहास में ये अभूतपूर्व बाढ़ है. बाढ़ के कारण 19,500 करोड़ का नुकसान हुआ. 373 लोगों की मौत और 32 लापता हैं. 12.5 लाख लोगों को 3941 शिविरों में रखा गया. राज्य के 14 जिलों मपूरे राज्य मशीनरी को आपदा का प्रबंधन करने के लिए उतारा गया केरल में 1564 गांव में से 774 गांवों में से बाढ़ है. केरल की आबादी 3.48 करोड़ है. जलप्रलय ने आबादी का एक छठे हिस्से 54 लाख से अधिक लोगों प्रभावित किया. वर्तमान में राज्य पुलिस, अग्नि और बचाव  के एक बड़े दल और SDRF के पूरे दल के अलावा केंद्रीय बलों तैनात है.

केरल के तटीय गांवों के लगभग 1,400 मछुआरे अपनी 600 नौकाओं के साथ राहत में जुटे है  207 नौकाओं के साथ एनडीआरएफ के 59 बचाव दल, 104 नौकाओं के साथ सेना इकाइयों के 23 कॉलम, 1 मेडिकल टीम के साथ नौसेना के 94 बचाव दल, 9 हेलीकॉप्टर, 2 फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट और 94 नौकाएं और 49 नौकाओं के साथ कोस्ट गार्ड की 36 टीमें, 2 हेलीकॉप्टर, 23 फिक्स्ड विंग हेलीकॉप्टर, 2 फिक्स्ड विंग और 27 किराए पर वाली नौकाएं तैनात की गईं. वायु सेना ने 22 हेलीकॉप्टर और 23 फिक्स्ड 3 विंग एयरक्राफ्ट प्रदान किए, बीएसएफ ने एक जल वाहक टीम के साथ 2 कंपनियों और सीआरपीएफ की 10 टीमों को तैनात किया. 4100 अग्नि बचाव सेवा कर्मियों को शामिल किया गया और उन्होंने 69 रबड़ नौकाओं का सहारा लिया. ओडिशा अग्निशमन ने 244 फायरमैन और 63 रबड़ नौकाएं प्रदान की है. 

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राहत का काम कैसे हो, ये कोर्ट तय नहीं कर सकता. हम कोई विशेषज्ञ नहीं हैं इसलिए ऐसी आपदा के दौरान हमें कोई विचार नहीं देने चाहिए. कोर्ट ने केंद्र की कमेटी को कहा है कि वो मुल्लापेरियार बांध पैनल पानी के स्तर को 142 फीट से 139 फीट पर करने पर विचार करे. सुप्रीम कोर्ट ने केरल के चीफ सेकेट्री को राहत और पुनर्वास को लेकर किए गए कार्यों को लेकर हलफनामा दाखिल करने को कहा था.
 


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