तिरुवंनतपुरम:
केरल के एक चर्च ने दो दशक पहले 42 पुरुषों द्वारा गैंगरेप पीड़ित के परिजनों को चर्च से दूर रहने के लिए कहा है। चर्च का कहना है कि जब तक विवाद खत्म नहीं हो जाता तब तक वे दूर रहें। हालांकि चर्च ने इंडो एशियन न्यूज सर्विस से हुई बातचीत में इस बात से इनकार किया है। उनका कहना है कि उनके लिए हमेशा खुला है।
इस पीड़ित महिला ने हाल ही में राज्यसभा के उपसभापति पीजे कुरियन पर आरोप लगाया था कि 42 बलात्कारियों में कुरियन भी एक थे। पीड़ित ने यह भी मांग की थी कि कुरियन को भी सूर्यनेल्ली बलात्कार मामले में आरोपी बनाया जाए। पीड़ित महिला सूर्यनेल्ली गांव की ही रहने वाली है। गौरतलब है कि केरल के ईसाई समाज के पीजे कुरियन एक सम्मानित सदस्य हैं। पिछले हफ्ते हाई कोर्ट ने इस अपील को ठुकरा दिया था।
कई सालों से इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ रहे इस परिवार का कहना है कि मुश्किल दिनों में चर्च में ही उन्हें शांति मिलती रही। इतना ही नहीं घर को छोड़ अगर वे कहीं जा पाए तो वह चर्च ही रहा। चर्च में भी वे अपने तक ही सीमित रहे, लेकिन दो सप्ताह पूर्व, जब पीड़ित के पिता चर्च में पादरी को प्रार्थना के लिए धन्यवाद देने के लिए पहुंचे तो कथित तौर पर पर पादरी ने उन्हें मामला शांत होने तक चर्च में न आने के लिए कहा।
बताया जा रहा है कि गैंगरेप पीड़ित महिला कभी भी अपने परिजनों के साथ चर्च नहीं गई। वह सिर्फ काम के लिए घर से बाहर निकलती है। अब जब चर्च ने परिजनों से ऐसा कह दिया है तब परिजन भी अब घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं।
बता दें कि कांग्रेसी नेता कुरियन को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 2007 में बरी कर दिया था। 2005 में केरल हाई कोर्ट ने 35 लोगों पर केस चलाया और केवल एक आदमी को धर्मराजन, जो कि एक वकील है, को दोषी पाया। इस वर्ष जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश को दरकिनार करते हुए छह महीने में केस में फिर सुनवाई करने का नया आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद कांग्रेस शासित केरल में विपक्ष और केंद्र में विपक्ष ने कुरियन का इस्तीफा मांगा है। वहीं, 72 वर्षीय कुरियन ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया। जहां कुरियन का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इस मामले में बरी कर दिया है वहीं, कांग्रेस पार्टी ने भी उनका बचाव किया है। पार्टी नेता ने संसद में कहा कि पुलिस की तीन जांचों में कुरियन को क्लीनचिट दी गई है।
इस पीड़ित महिला ने हाल ही में राज्यसभा के उपसभापति पीजे कुरियन पर आरोप लगाया था कि 42 बलात्कारियों में कुरियन भी एक थे। पीड़ित ने यह भी मांग की थी कि कुरियन को भी सूर्यनेल्ली बलात्कार मामले में आरोपी बनाया जाए। पीड़ित महिला सूर्यनेल्ली गांव की ही रहने वाली है। गौरतलब है कि केरल के ईसाई समाज के पीजे कुरियन एक सम्मानित सदस्य हैं। पिछले हफ्ते हाई कोर्ट ने इस अपील को ठुकरा दिया था।
कई सालों से इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ रहे इस परिवार का कहना है कि मुश्किल दिनों में चर्च में ही उन्हें शांति मिलती रही। इतना ही नहीं घर को छोड़ अगर वे कहीं जा पाए तो वह चर्च ही रहा। चर्च में भी वे अपने तक ही सीमित रहे, लेकिन दो सप्ताह पूर्व, जब पीड़ित के पिता चर्च में पादरी को प्रार्थना के लिए धन्यवाद देने के लिए पहुंचे तो कथित तौर पर पर पादरी ने उन्हें मामला शांत होने तक चर्च में न आने के लिए कहा।
बताया जा रहा है कि गैंगरेप पीड़ित महिला कभी भी अपने परिजनों के साथ चर्च नहीं गई। वह सिर्फ काम के लिए घर से बाहर निकलती है। अब जब चर्च ने परिजनों से ऐसा कह दिया है तब परिजन भी अब घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं।
बता दें कि कांग्रेसी नेता कुरियन को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 2007 में बरी कर दिया था। 2005 में केरल हाई कोर्ट ने 35 लोगों पर केस चलाया और केवल एक आदमी को धर्मराजन, जो कि एक वकील है, को दोषी पाया। इस वर्ष जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश को दरकिनार करते हुए छह महीने में केस में फिर सुनवाई करने का नया आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद कांग्रेस शासित केरल में विपक्ष और केंद्र में विपक्ष ने कुरियन का इस्तीफा मांगा है। वहीं, 72 वर्षीय कुरियन ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया। जहां कुरियन का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इस मामले में बरी कर दिया है वहीं, कांग्रेस पार्टी ने भी उनका बचाव किया है। पार्टी नेता ने संसद में कहा कि पुलिस की तीन जांचों में कुरियन को क्लीनचिट दी गई है।
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