केदारनाथ सिंह की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
जीवन की जटिलताओं को कविता के माध्यम से अभिव्यक्त करने की अनूठी शैली के धनी विख्यात साहित्यतकार और कवि केदारनाथ सिंह का पार्थिव शरीर मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गया. केदारनाथ सिंह का अंतिम संस्कार लोदी रोड शमशान घाट पर किया गया. उन्हें उनके पुत्र सुनील ने मुखाग्नि दी. केदारनाथ सिंह के अंतिम संस्कार के दौरान राजनीतिक और साहित्यिक क्षेत्र की कई बड़ी हस्तियां मौजूद थी. इनमें रमेश विधूड़ी, अशोक वाजपेयी और असगर वजाहत शामिल हैं. इनके अलावा बड़ी संख्या में उनके शिष्य, पाठक और छात्र उपस्थित थे.
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केदारनाथ सिंह के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक प्रकट किया है. उन्होंने केदारनाथ सिंह के निधन को राष्ट्र के लिए क्षति बताया. प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपनी कविताओं में सार्वजनिक जीवन की भावनाओं को जगह दी. वह साहित्य जगत और आम जनता के लिए हमेशा एक प्रेरणा रहेंगे.
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गौरतलब है कि हिन्दी की समकालीन कविता के सशक्त हस्ताक्षर डॉ. केदारनाथ सिंह का पेट के संक्रमण के चलते सोमवार रात करीब पौने नौ बजे एम्स में निधन हो गया था. केदारनाथ सिंह का जन्म 1934 में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में हुआ था. वह हिंदी कविता में नए बिंबों के प्रयोग के लिए जाने जाते हैं. साल 2013 में केदारनाथ सिंह को साहित्य सेवा के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
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