Kathua Verdict: जम्मू कश्मीर के कठुआ (Kathua Case) में खानाबदोश समुदाय की आठ साल की बच्ची से रेप और उसकी हत्या के मामले में पठानकोट की विशेष अदालत ने सोमवार को 6 आरोपियों को दोषी करार दिया और सजा सुनाई. पठानकोट की विशेष अदालत ने तीन दोषियों सांझी राम, परवेश दोशी और दीपक खजुरिया को उम्रकैद की सजा सुनाई. वहीं, हेड कांस्टेबल तिलकराज, असिस्टेंट सब इन्सपेक्टर आनंद दत्ता और एसपीओ (स्पेशल पुलिस ऑफिसर) सुरेंद्र वर्मा को 5-5 साल की कैद और 50-50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है. कोर्ट ने मुख्य आरोपी सांझी राम के बेटे (7वें आरोपी) विशाल को बरी कर दिया. मामले में बंद कमरे में हुई सुनवाई 3 जून को पूरी हुई थी. इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. पंद्रह पृष्ठों के आरोपपत्र के अनुसार, पिछले साल 10 जनवरी 2018 को अगवा की गई आठ साल की बच्ची को कठुआ जिले में एक गांव के मंदिर में बंधक बनाकर रखा गया और उससे दुष्कर्म किया गया. उसे जान से मारने से पहले चार दिन तक बेहोश कर रखा गया.
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जम्मू से करीब 100 किलोमीटर और कठुआ से 30 किलोमीटर दूर पड़ोसी राज्य पंजाब के पठानकोट में जिला एवं सत्र अदालत ने पिछले साल जून के पहले सप्ताह में इस मामले की रोजाना सुनवाई शुरू की थी. उच्चतम न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई जम्मू कश्मीर से बाहर किए जाने का आदेश दिया था. जिन लोगों को दोषी ठहराया गया है, उनमें गांव का सरपंच सांजीराम, उसका नाबालिग भतीजा आनंद दत्ता और दो विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया तथा सुरेंदर वर्मा शामिल हैं. हेड कांस्टेबल तिलकराज और सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता को भी दोषी ठहराया गया है जिन्होंने सांजीराम से चार लाख रुपये लिए और अहम सबूत नष्ट कर दिए.
कौन-कौन हैं दोषी
सांझी राम- मुख्य आरोपी
आनंद दत्ता- असिस्टेंट सब इन्सपेक्टर
परवेश कुमार- ग्राम प्रधान
दीपक खजूरिया- एसपीओ (स्पेशल पुलिस ऑफिसर)
सुरेंद्र वर्मा- एसपीओ (स्पेशल पुलिस ऑफिसर)
तिलक राज- हेड कांस्टेबल
इसके अलावा
एक नाबालिग- इसकी सुनवाई कठुआ कोर्ट में हो रही है.
सांजी राम का बेटा विशाल बरी कर दिया गया है.
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