श्रीनगर:
हंदवाड़ा में जिस लड़की की वजह से कथित छेड़छाड़ का विवाद उठा, उसने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया है। इस बयान में उसने अपने पूर्व के बयान पर कायम रहते हुए कहा है कि मंगलवार को सेना के किसी भी जवान ने उसके साथ छेड़छाड़ नहीं की थी।
पुलिस ने एक बयान में बताया कि यह लड़की अपने पिता के साथ शनिवार शाम हंदवाड़ा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश हुई और अपना बयान दर्ज कराया।
यह है लड़की का बयान
लड़की ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए बयान में कहा है कि 12 अप्रैल 2016 को स्कूल से वह अपनी सहेलियों के साथ घर आ रही थी। मुख्य चौक हंदवाड़ा के पास वह एक सार्वजनिक शौचालय में गई।
पुलिस ने बताया, 'जैसे ही वह शौचालय से बाहर आई, दो लड़कों ने उस पर हमला किया, उसे घसीटा और उसका बैग छीन लिया। दोनों लड़कों में से एक स्कूल की ड्रेस में था।' जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने शनिवार को लड़की की मां की याचिका पर उसे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने का आदेश दिया था, जिसके बाद पुलिस ने लड़की को सीजेएम के समक्ष पेश किया।
'लड़की पर झूठा बयान देने के लिए डाला दबाव'
याचिका में लड़की, उसके पिता और एक रिश्तेदार को पुलिस की हिरासत से रिहा करने की मांग की गई थी। यह तीनों छेड़छाड़ के आरोपों के बाद हंदवाड़ा शहर में हिंसक प्रदर्शन होने के दिन से पुलिस हिरासत में हैं। लड़की की मां ने शनिवार को दावा किया था कि उसकी 16 वर्षीय बेटी पर ऐसा बयान देने के लिए दबाव डाला गया, ताकि सैन्यकर्मी छेड़छाड़ के आरोपों से बच जाएं।
पुलिस के बयान में बताया गया है कि हाईकोर्ट के आदेश की अनुपालना में लड़की और उसके पिता को सीजेएम के समक्ष पेश किया गया। मंगलवार को हंदवाड़ा शहर में प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों की गोलीबारी में तीन व्यक्ति मारे गए थे। एक दिन बाद ही हंदवाड़ा की घटना के विरोध में कुपवाड़ा के द्रगमुला इलाके में प्रदर्शन के दौरान एक अन्य युवक मारा गया था।
शुक्रवार को श्रीनगर से 100 किमी दूर, कुपवाड़ा के नाथनूसा इलाके में एक शिविर के बाहर पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सेना के गोली चलाने पर 18 वर्षीय युवक आरिफ हुसैन डार मारा गया और तीन अन्य घायल हो गए थे।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
पुलिस ने एक बयान में बताया कि यह लड़की अपने पिता के साथ शनिवार शाम हंदवाड़ा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश हुई और अपना बयान दर्ज कराया।
यह है लड़की का बयान
लड़की ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए बयान में कहा है कि 12 अप्रैल 2016 को स्कूल से वह अपनी सहेलियों के साथ घर आ रही थी। मुख्य चौक हंदवाड़ा के पास वह एक सार्वजनिक शौचालय में गई।
पुलिस ने बताया, 'जैसे ही वह शौचालय से बाहर आई, दो लड़कों ने उस पर हमला किया, उसे घसीटा और उसका बैग छीन लिया। दोनों लड़कों में से एक स्कूल की ड्रेस में था।' जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने शनिवार को लड़की की मां की याचिका पर उसे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने का आदेश दिया था, जिसके बाद पुलिस ने लड़की को सीजेएम के समक्ष पेश किया।
'लड़की पर झूठा बयान देने के लिए डाला दबाव'
याचिका में लड़की, उसके पिता और एक रिश्तेदार को पुलिस की हिरासत से रिहा करने की मांग की गई थी। यह तीनों छेड़छाड़ के आरोपों के बाद हंदवाड़ा शहर में हिंसक प्रदर्शन होने के दिन से पुलिस हिरासत में हैं। लड़की की मां ने शनिवार को दावा किया था कि उसकी 16 वर्षीय बेटी पर ऐसा बयान देने के लिए दबाव डाला गया, ताकि सैन्यकर्मी छेड़छाड़ के आरोपों से बच जाएं।
पुलिस के बयान में बताया गया है कि हाईकोर्ट के आदेश की अनुपालना में लड़की और उसके पिता को सीजेएम के समक्ष पेश किया गया। मंगलवार को हंदवाड़ा शहर में प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों की गोलीबारी में तीन व्यक्ति मारे गए थे। एक दिन बाद ही हंदवाड़ा की घटना के विरोध में कुपवाड़ा के द्रगमुला इलाके में प्रदर्शन के दौरान एक अन्य युवक मारा गया था।
शुक्रवार को श्रीनगर से 100 किमी दूर, कुपवाड़ा के नाथनूसा इलाके में एक शिविर के बाहर पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सेना के गोली चलाने पर 18 वर्षीय युवक आरिफ हुसैन डार मारा गया और तीन अन्य घायल हो गए थे।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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