कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल में आतंकियों ने काउंसलर और बीजेपी नेता राकेश पंडिता की गोली मारकर हत्या कर दी. इसके बाद कश्मीर पुलिस ने साफ कहा है कि सुरक्षा प्राप्त नेता और लोग बिना सुरक्षा के घरों से बाहर ना निकलें. पुलिस के मुताबिक बुधवार को राकेश पंडिता अपने एक मित्र से मिलने बिना सुरक्षा के त्राल गए थे. तभी आतंकियों ने मौके का फायदा उठाकर पंडिता को अपने गोलियों का निशाना बनाया.
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तीन अज्ञात आतंकियों के हमले में राकेश पंडिता की जान चली गई. पुलिस इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान चला रही है लेकिन आतंकी फरार हो गए है. राकेश पंडिता का शव आज जम्मू के रूप नगर में उनके निवास पहुंचा. शव का जम्मू के बनतालाब शमशान भूमि में अंतिम संस्कार किया गया.
पुलिस ने दावा किया कि काउंसलर पंडिता को उनकी सुरक्षा के लिए दो पीएसओ दिये गए थे. रहने के लिए श्रीनगर में होटल का भी इंतजाम था, लेकिन बुधवार को वो बिना अंगरक्षकों के ही अपने दोस्त से मिलने त्राल चले गए. इस घटना के बाद कश्मीर पुलिस ने कहा है कि जिन लोगों को सुरक्षा मिली हुई है, वह बिना अपने पीएसओ के कहीं ना जाएं. साथ में यात्रा करते वक्त लोकल लेवल पर खतरे को ध्यान में जरूर रखें. पुलिस ने सभी सुरक्षा प्राप्त लोगों से अनुरोध किया है कि वो एसओपी का पालन करे और बिना वजह अपनी जान को जोखिम में ना डालें.
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पिछले साल कुलगाम में आतंकियों ने 6 अगस्त 2020 को सरपंच और बीजेपी नेता सज्जाद अहमद की गोली मार कर हत्या कर दी थी. वहीं आठ जून को अनंतनाग में कांग्रेस नेता और सरपंच अजय पंडिता की हत्या कर दी गई थी. जुलाई 2020 में बीजेपी के बांदीपोरा जिलाध्यक्ष और उनके दो परिजनों की हत्या कर दी गई थी.