
बेंगलुरु:
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिले भारी समर्थन के बीच उपमुख्यमंत्री केएस ईश्वरप्पा समेत जगदीश शेट्टार मंत्रिमंडल के 12 मंत्रियों को मिली हार ने भाजपा के लिए जले पर नमक का काम किया है।
ईश्वरप्पा को शिमोगा में मिली हार इस मायने में भी महत्वपूर्ण है कि वह भाजपा की राज्य इकाई के पूर्व प्रमुख थे और उनके पास ग्रामीण विकास, पंचायती राज और राजस्व मंत्रालय की जिम्मेदारी थी। उन्हें लगभग पांच हजार मतों से हार का सामना करना पड़ा है।
उनके अलावा चुनाव हारने वालों में एक बड़ा नाम उद्योग मंत्री मुरुगेश आर निरानी का है, जो आखिरी वक्त तक इस पसोपेश में थे कि केजपा का दामन थामें या भाजपा के साथ बने रहें। हालांकि उन्होंने बिल्गी से भाजपा के ही टिकट पर चुनाव लड़ा।
उन्हें कांग्रेस के जेटी पाटिल ने 11 हजार मतों से हराया। हारने वाले अन्य मंत्रियों में वी सोमय्या (विजयनगर), बीएन बाचे गौड़ा (होसकोटे), रेवुनाइक बेलामागी (गुलबर्गा ग्रामीण), ए नारायणस्वामी (अनेकल), सोगाडु शिवाना (तुमकुर), एस के बेल्लुबी (बसावना बागेवाडी), कलाकप्पा बांडी (रोन), एसए रवींद्रनाथ (दवानगेरे उत्तर), एसए रामादास (कृष्णराजा) और आनंद अश्नोटिकर (कारवाड़) हैं।
इस विधानसभा चुनाव में भाजपा के दिग्गजों के साथ ही कांग्रेस के भी कुछ बड़े नाम धराशायी हुये हैं। कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका उस वक्त लगा जब कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रमुख एवं मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार जी परमेश्वर को तुमकुर जिले के कोराटगेरे में जद-एस के उम्मीदवार पीआर सुधाकर लाल ने 18 हजार से अधिक मतों से धूल चटाई। पूर्व केंद्रीय नागर विमानन मंत्री एवं कांग्रेस उम्मीदवार सीएम इब्राहिम को भी भद्रावती में तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा।
उधर, बेंगलुरु-मैसूर आधारभूत परियोजना के उद्यमी एवं कर्नाटक मक्कला पक्ष के उम्मीदवार अशोक खेनी ने बिदार दक्षिण सीट से जीत दर्ज की है। उन्होंने जद-एस के मौजूदा विधायक बानडेपा काशेमपुर को तीन हजार से अधिक मतों से हराया।
ईश्वरप्पा को शिमोगा में मिली हार इस मायने में भी महत्वपूर्ण है कि वह भाजपा की राज्य इकाई के पूर्व प्रमुख थे और उनके पास ग्रामीण विकास, पंचायती राज और राजस्व मंत्रालय की जिम्मेदारी थी। उन्हें लगभग पांच हजार मतों से हार का सामना करना पड़ा है।
उनके अलावा चुनाव हारने वालों में एक बड़ा नाम उद्योग मंत्री मुरुगेश आर निरानी का है, जो आखिरी वक्त तक इस पसोपेश में थे कि केजपा का दामन थामें या भाजपा के साथ बने रहें। हालांकि उन्होंने बिल्गी से भाजपा के ही टिकट पर चुनाव लड़ा।
उन्हें कांग्रेस के जेटी पाटिल ने 11 हजार मतों से हराया। हारने वाले अन्य मंत्रियों में वी सोमय्या (विजयनगर), बीएन बाचे गौड़ा (होसकोटे), रेवुनाइक बेलामागी (गुलबर्गा ग्रामीण), ए नारायणस्वामी (अनेकल), सोगाडु शिवाना (तुमकुर), एस के बेल्लुबी (बसावना बागेवाडी), कलाकप्पा बांडी (रोन), एसए रवींद्रनाथ (दवानगेरे उत्तर), एसए रामादास (कृष्णराजा) और आनंद अश्नोटिकर (कारवाड़) हैं।
इस विधानसभा चुनाव में भाजपा के दिग्गजों के साथ ही कांग्रेस के भी कुछ बड़े नाम धराशायी हुये हैं। कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका उस वक्त लगा जब कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रमुख एवं मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार जी परमेश्वर को तुमकुर जिले के कोराटगेरे में जद-एस के उम्मीदवार पीआर सुधाकर लाल ने 18 हजार से अधिक मतों से धूल चटाई। पूर्व केंद्रीय नागर विमानन मंत्री एवं कांग्रेस उम्मीदवार सीएम इब्राहिम को भी भद्रावती में तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा।
उधर, बेंगलुरु-मैसूर आधारभूत परियोजना के उद्यमी एवं कर्नाटक मक्कला पक्ष के उम्मीदवार अशोक खेनी ने बिदार दक्षिण सीट से जीत दर्ज की है। उन्होंने जद-एस के मौजूदा विधायक बानडेपा काशेमपुर को तीन हजार से अधिक मतों से हराया।
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