कर्नाटक में कांग्रेस और बीजेपी एक बार फिर जोड़तोड़ की कोशिश की वजह से आमने-सामने हैं. कांग्रेस-जेडीएस साझा सरकार में कद्दावर मंत्री डीके शिवकुमार का लिखा खुला खत इस बार विवाद की वजह बना है.
डीके शिवकुमार जिन्हें कर्नाटक में 'डी फेक्टो' मुख्यमंत्री माना जाता है, के एक पत्र की वजह से अब विवाद उठ खड़ा हुआ है. इस पत्र में लिखा है कि चेनपटना के बीजेपी नेताओं के लिए कांग्रेस के दरवाज़े खुले हैं. जो कांग्रेस की विचारधारा से जुड़ना चाहते हैं वे जब चाहें पार्टी से जुड़ सकते हैं, वे लोग जो सामाजिक न्याय, विकास, धर्मनिर्पेक्षता में भरोसा रखते हैं.
जेडीएस-कांग्रेस साझा सरकार को गिराने की कोशिश के आरोप से घिरी बीजेपी को बैठे बिठाए बचाव का रास्ता मिल गया है. बीजेपी के प्रवक्ता एस प्रकाश ने कहा है कि कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी छोड़ रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस ने बौखलाहट में बीजेपी नेताओं को ये लिखा है. लेकिन इससे हमारी पार्टी को नुकसान नही पहुंचेगा.
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कांग्रेस लगातार बीजेपी पर 25 से 30 करोड़ रुपये देकर अपने विधायकों को तोड़ने का आरोप लगा रही है. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी किसी भी तरह कर्नाटक में सरकार गिराने की फिराक में है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुण्डु राव ने कहा कि देखिए योगेश्वर पहले कांग्रेस में थे. वे कार्यकर्ताओं के साथ बीजेपी में गए. हम इन लोगों की वापसी की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन बीजेपी की तरह ऑपरेशन कमला चलाकर विधायकों की ख़रीद-फ़रोक्त करना, ये सब नहीं.
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दरअसल अब लोकसभा चुनावों का माहौल बनने लगा है. ऐसे में जेडीएस कांग्रेस के साथ-साथ बीजेपी उन इलाकों में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में जुटी है जहां थोड़ी भी कमी दिख रही है. ऐसे में आने वाले दिनों में इस तरह की खींचतान और भी देखने को मिलेगी.
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