यह ख़बर 22 मार्च, 2012 को प्रकाशित हुई थी

येदियुरप्पा की नाराजगी, गौड़ा की कुर्सी बरकरार

खास बातें

  • कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और वर्तमान मुख्यमंत्री सदानंद गौड़ा ने आज दिल्ली में अपने पार्टी के आकाओं से अलग-अलग मुलाकात की। मुलाकात के बाद गौड़ा ने कहा कि उनकी कुर्सी बरकरार है।
नई दिल्ली:

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और वर्तमान मुख्यमंत्री सदानंद गौड़ा ने आज दिल्ली में अपने पार्टी के आकाओं से अलग-अलग मुलाकात की। मुलाकात के बाद गौड़ा ने कहा कि उनकी कुर्सी बरकरार है। वहीं येदियुरप्पा का कहना है कि वह कल फिर पार्टी के नेताओं से मुलाकात करेंगे।

इससे साफ है कि मुख्यमंत्री के रूप में दोबारा नियुक्त किए जाने को लेकर बीएस येदियुरप्पा की ओर से पड़ रहे दबाव के बीच भाजपा के लिए कर्नाटक में पार्टी की सरकार बचाने का मसला अभी हल नहीं हुआ है। इसके साथ ही सूत्र बता रहे हैं पार्टी ने इस महीने के अंत तक गौड़ा को सीएम बने रहने देने का आश्वासन भी दिया है और येदियुरप्पा को राज्य के बजट सत्र के बाद सीएम पद देने की बात कही है।

मौजूदा मुख्यमंत्री सदानंद गौडा ने गुरुवार को भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी और लालकृष्ण आडवाणी सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। गौडा को आश्वासन मिला है कि कर्नाटक में कोई नेतृत्व परिवर्तन नहीं होगा।

गौडा ने भाजपा के केन्द्रीय नेताओं से मुलाकात के बाद बताया, ‘मैं स्पष्ट तौर पर कह रहा हूं कि केन्द्रीय नेताओं ने मुझसे कहा है कि इस समय नेतृत्व या पार्टी में किसी अन्य पद पर कोई बदलाव नहीं होगा।’ यह पूछने पर कि क्या पार्टी नेतृत्व ने उनसे इस्तीफा देने को कहा है, गौड़ा ने कहा, ‘यह सवाल नहीं पैदा होता है।’ भाजपा के राज्य प्रमुख के ईश्वरप्पा के साथ आये गौड़ा ने आडवाणी, गडकरी के अलावा राजनाथ सिंह और मुरली मनोहर जोशी से भी मुलाकात की। वह राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली और कर्नाटक में पार्टी के प्रभारी महासचिव धर्मेन्द्र प्रधान से भी मिले।

येदियुरप्पा द्वारा पार्टी पर मुख्यमंत्री पद पर फिर से नियुक्त किये जाने का दबाव बनाये जाने के बारे में पूछे गए सवाल पर गौड़ा ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि येदियुरप्पा यहां आये हैं या नहीं या फिर उन्होंने केन्द्रीय नेताओं से बात की है या नहीं। जब हमने केन्द्रीय नेतृत्व से इस मसले पर बात की तो येदियुरप्पा वहां मौजूद नहीं थे।’ कर्नाटक के लोकायुक्त द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को उच्च न्यायालय द्वारा दरकिनार किए जाने के बाद येदियुरप्पा ने फिर से मुख्यमंत्री बनाये जाने को लेकर अभियान तेज कर दिया है।

येदियुरप्पा का दावा है कि उनकी कोई मांग नहीं है लेकिन उनका मिशन स्वाभाविक है, जिसके तहत वह लालकृष्ण आडवाणी, गडकरी और जेटली जैसे वरिष्ठ पार्टी नेताओं से मिलेंगे। गौड़ा ने यह भी कहा कि केन्द्रीय नेतृत्व ने उनसे कहा है कि वे कर्नाटक के राजनीतिक घटनाक्रम से अवगत नहीं हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘उन्होंने मुझे बताया है कि वे समस्याओं को हल कर लेंगे और इस समय बातचीत के लिए और ज्यादा कुछ नहीं है।’

कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने कहा कि उडुपी-चिकमंगलूर लोकसभा क्षेत्र के चुनावी नतीजों को लेकर पार्टी नेताओं से विस्तृत चर्चा हुई है। गौड़ा ने कहा कि पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व ने आश्वासन दिया है कि चुनावी नतीजों पर पार्टी की भावी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए विचार किया जाएगा।

लगता है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व येदियुरप्पा को फिर से मुख्यमंत्री बनाने के बारे में सोचता है लेकिन उसका मानना है कि 30 मार्च को राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव की प्रक्रिया संपन्न होने तक येदियुरप्पा इंतजार करें।

भाजपा के उडुपी-चिकमंगलूर सीट पर उपचुनाव हारने के कारण और येदियुरप्पा द्वारा बागी राज्यसभा उम्मीदवार खडा करने की आशंकाओं ने उनकी वापसी की अटकलें तेज कर दी हैं।

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(इनपुट भाषा से भी)