कर्नाटक में बीजेपी अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है. बीएस येदियुरप्पा आज शाम 6 बजे पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे. राज्य में 3 दिन पहले ही कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार गिरी है. इससे यहां पर नाटकीय घटनाक्रम हुए हैं और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया. गुरुवार को कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस के तीन बागी विधायकों को दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराया. कुमार के इस कदम से कांग्रेस-जदएस गठबंधन गिरने के दो दिन बाद राज्य में नई सरकार के गठन पर अनिश्चितता और बढ़ गई. कुमार ने फैसला किया कि तीनों विधायकों के इस्तीफे ‘‘स्वैच्छिक एवं स्वाभाविक नहीं हैं'' और इसलिए उन्हें 2023 में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने तक तत्काल प्रभाव से दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य करार दिया. अपना फैसला सुनाते हुए अध्यक्ष ने कहा कि वह अगले कुछ दिनों में शेष 14 मामलों पर फैसला करेंगे. स्पीकर ने कहा कि वह ‘‘अगले कुछ दिन में'' 14 अन्य विधायकों के संबंध में उनके पास लंबित इस्तीफे और अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला करेंगे. गौरतलब है कि 23 जुलाई को विधानसभा में हुए शक्ति-परीक्षण में कुमारस्वामी सरकार अल्पमत में आ गई थी.
कुमारस्वामी द्वारा पेश विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 99 और विरोध में 105 मत पड़े थे. इस तरह कुमारस्वामी सरकार के विश्वासमत हारने के बाद तीन सप्ताह से चले आ रहे सियासी नाटक का पटाक्षेप हो गया था. कांग्रेस और जद (एस) की अयोग्यता की मांग वाली याचिकाओं और विधायकों के इस्तीफे पर कुमार के फैसले को अन्य बागियों को कड़े संदेश के रूप में देखा जा रहा है. अन्य बागी विधायक अब भी मुंबई में डेरा डाले हुए हैं और उनका कहना है कि वे विधानसभा सदस्यता छोड़ने के अपने फैसले से पीछे नहीं हटेंगे. कांग्रेस के बागी विधायकों रमेश जारकीहोली, महेश कुमातल्ली और शंकर को स्पीकर के कड़े फैसले का सामना करना पड़ा. कुमार ने स्पष्ट किया है कि दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य करार दिए गए सदस्य ना तो चुनाव लड़ सकते हैं, ना ही सदन का कार्यकाल खत्म होने तक विधानसभा के लिए निर्वाचित हो सकते हैं.
कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उन्होंने संविधान (दलबदल विरोधी कानून) की 10वीं अनुसूची के प्रावधानों का उल्लंघन किया और इसलिए अयोग्य करार दिए गए.'' कुमार ने बताया कि विधानसभा के निर्दलीय विधायक रहे शंकर ने अपनी पार्टी केपीजेपी का ‘विलय' कांग्रेस में कर लिया था. यह पूछे जाने पर कि क्या अन्य बागी विधायकों के खिलाफ समान मानदंड अपनाए जाएंगे, उन्होंने कहा, ‘‘इंतजार कीजिए और देखिए.'स्पीकर के फैसले का स्वागत करते हुए केपीसीसी प्रमुख दिनेश गुंडू राव ने इसे ‘‘लोकतंत्र की जीत'' करार दिया. उधर, केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा सरकार गठन पर फैसला करने की संभावनाओं के बीच, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा की कुछ आंतरिक बैठकों के अलावा बीजेपी खेमे में कोई बड़ी गतिविधि नहीं हुई. मुंबई से घर वापस लौटे बागी कांग्रेस विधायक शिवाराम हेब्बार ने भरोसा जताया कि स्पीकर वरिष्ठ और अनुभवी व्यक्ति हैं और वह उनके इस्तीफे पर सही फैसला करेंगे.
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इस बीच, कर्नाटक के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने कहा कि मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में कोई भी स्थिर सरकार नहीं दे सकता. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने उन खबरों से इनकार किया जिनमें दावा किया गया है कि बागी विधायकों को इस्तीफा देने तथा एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को गिराने के लिए उन्होंने उकसाया था. सिद्धरमैया ने “फर्जी खबरें” फैलाने के लिये मीडिया संगठनों को आगाह करते हुए कहा कि अगर उन्होंने यह आरोप उनके सामने दोहराया तो वह इसका करारा जवाब देंगे.
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