धर्मशाला:
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि विदेशी मुद्रा की बरामदगी को लेकर प्रवर्तन निदेशालय की निगरानी में चल रहे करमापा उग्येन त्रिनले दोरजी को उनकी सरकार क्लीनचिट नहीं दे सकती है क्योंकि इस मामले की जांच केंद्रीय एजेंसियां कर रही हैं। उनका यह बयान मुख्य सचिव राजवंत संधू के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने मीडिया से कहा था कि करमापा का यहां सिधबरी में उनके अस्थायी आवास से मिली विदेशी मुद्रा से कोई संबंध नहीं है। धूमल ने कहा, हम करमापा को कोई क्लीनचिट नहीं दे सकते क्योंकि केंद्रीय एजेंसियों की जांच चल रही है और उन्हें न तो पाक साफ करार दिया गया है और न ही दोषी ठहराया गया है। उन्होंने कहा, केंद्र करमापा के अस्थायी आवास ग्यूतो बौद्धमठ पर छापे के दौरान विदेशी मुद्रा की बरामदगी के मामले की जांच कर रहा है। राज्य सरकार ने उनके खिलाफ कभी आरोप नहीं लगाया और ऐसे में क्लीनचिट देने का कोई सवाल ही नहीं उठता। मुख्यमंत्री ने सफाई दी कि शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में मुख्य सचिव से एक संवाददाता ने बार-बार इस मामले की स्थिति के बारे में पूछा तब उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार ने कभी नहीं कहा कि करमापा एक आरोपी हैं। उन्होनें कहा, जांच पूरी होने तक मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। उल्लेखनीय है कि करमापा समर्थित एक न्यास तथा न्यायासियों के यहां से पुलिस ने चीन समेत 25 देशों की मुद्राओं में 7.5 करोड़ रुपये बरामद किए थे। मेहतापुर सीमा पर दो व्यक्तियों के पास से एक करोड़ रुपये बरामद होने के बाद ये छापे मारे गए थे। एक करोड़ रुपये जमीन के किसी सौदे के लिए कथित रूप से दिल्ली में मजनूं का टीला इलाके में स्थित बैंक से निकाले गए थे।