
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल.
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पीएम मोदी पर कपिल सिब्बल का पलटवार
कहा- सुप्रीम कोर्ट का किया अपमान
कांग्रेस इस केस में पार्टी ही नहीं है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के अलवर में एक चुनावी सभा में ये दावा किया, 'अब उन्होंने नया खेल खेला है. आप जानते हैं जब ये अयोध्या का केस चल रहा था, कांग्रेस के नेता राज्यसभा के सदस्य, सुप्रीम कोर्ट को कह रहे हैं कि 2019 तक केस मत चलाओ क्योंकि 2019 में चुनाव है.'
जिस समय अयोध्या में साधु-संत राम मंदिर की तारीख तय करने की बात कर रहे थे, उस समय प्रधानमंत्री अलवर में राम मंदिर के विरोधियों की शिनाख्त कर रहे थे- ये बताते हुए कि इन्होंने सुप्रीम कोर्ट तक पर दबाव बनाया. पीएम मोदी ने कहा, अयोध्या जैसे गंभीर संवेदनशील मसलों में, सुप्रीम कोर्ट अगर संवेदनशीलता के साथ देश को न्याय दिलाने की दिशा में सब को सुनना चाहती है तो उसमें रोड़े अटकाने के लिए जब कोर्ट में फेल हो जाते हैं तो ये सुप्रीम कोर्ट के वकील कांग्रेस में बैठे हैं, वे एससी के जजों के खिलाफ महाभियोग लाकर उनको डराने धमकाने का नया खेल शुरू किया है.'
कपिल सिब्बल का PM मोदी पर पलटवार- जनवरी से नवंबर के बीच मैं अयोध्या पर हुई सुनवाई में पेश नहीं हुआ
दूसरी ओर सिब्बल ने पीएम के आरोप को गलत बताया और दावा किया कि जनवरी 2018 के बाद से वो एक बार भी इस मामले में सुनवाई के दौरान पेश नहीं हुए हैं. सिब्बल ने एनडीटीवी से कहा, "हम पीएम से पूछना चाहते हैं कि क्या कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट में किसी सुनवाई को रोक सकती है? ये सुप्रीम कोर्ट के प्रति मानहानि की बात है. आप एससी में डीफेम कर रहे हो. आप ये कहना चाहते हो कि एससी किसी के राजनीतिक दबाव में आ सकती है? से शर्मनाक बात है. पीएम को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए.'
कांग्रेस का आरोप है कि संघ परिवार चुनाव से पहले अयोध्या को लेकर भय का माहौल बनाने में जुटा है. सिब्बल ने कहा, "डरा कौन रहा है? वीएचपी क्या कर रही है अयोध्या में? भय का माहौल बनाया जा रहा है जिससे पीएम को यहां राजनीतिक फायदा मिल सके. पीएम घबराए हुए हैं. 2014, 2015, 2016 और 2017 में उन्हें रामलला याद नहीं आए. अब 2018 में चुनाव की वजह से रामलला याद आ गए.
अयोध्या मुद्दे पर पीएम मोदी और कांग्रेस नेताओं के बीच वाद-विवाद से साफ है कि ये मुद्दा कोर्ट के फैसले से कहीं ज़्यादा अब राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का बन गया है. बीजेपी आरोप लगा रही है कि कांग्रेस राम मंदिर के खिलाफ है. जबकि कांग्रेस की दलील है कि बीजेपी के लिए ये महज़ एक चुनावी मुद्दा बनकर रह गया है.
बता दें, हालही में राजस्थान चुनाव (Rajasthan Assembly Election) प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने अलवर में कहा कि जब अयोध्या का केस चल रहा था, कांग्रेस के राज्यसभा के सदस्य कहते हैं कि 2019 तक केस मत चलाओ क्योंकि 2019 में चुनाव हैं. देश के न्यायतंत्र को इस प्रकार से राजनीति में घुसाना उचित है क्या. उन्होंने आगे बोला कि जब सुप्रीम कोर्ट का कोई जज अयोध्या जैसे गंभीर संवेदनशील मसलों में देश को न्याय दिलाने की दिशा में सबकों सुनना चाहते हैं तो कांग्रेस के राज्यसभा के वकील सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति के खिलाफ महाभियोग लाकर उनको डराते धमकाते हैं.
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