चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ उनके विवादित बयानों को लेकर कड़ी कार्रवाई की है. निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने उन्हें कांग्रेस की स्टार प्रचारक (Star Campaigner) की सूची से हटा दिया है. कमलनाथ पर चुनाव प्रचार के दौरान कई आपत्तिजनक बयान देने के आरोप हैं.
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कमलनाथ ने कुछ दिनों पहले मध्य प्रदेश सरकार की मंत्री इमरती देवी के खिलाफ भी आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. उन्होंने इमरती देवी को आइटम कहा था और आलोचना के बाद माफी मांगने से भी इनकार कर दिया था. विश्लेषकों का कहना है कि स्टार प्रचारकों का खर्च पार्टी के खर्च में जोड़ा जाता है, न कि उस सीट से लड़ रहे पार्टी के प्रत्याशी के खर्च में. भाजपा और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने पिछले कुछ दिनों में एक-दूसरे को गद्दार और अन्य आपत्तिजनक शब्द कहे. कांग्रेस का कहना है कि "गद्दारी" कमलनाथ सरकार के पतन का कारण बनी. बीजेपी का कहना है कि गद्दार वे नहीं बल्कि कांग्रेस है, जिसने अपने घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा नहीं करके मध्यप्रदेश की जनता को धोखा दिया है.
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इससे पहले निर्वाचन आयोग ने भाजपा (BJP) नेता कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) की ‘‘चुन्नू-मुन्नू'' वाली टिप्पणी पर नाराजगी जताई है. आयोग ने इसे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताया है. विजयवर्गीय ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) और कमलनाथ (Kamal Nath) के खिलाफ यह टिप्पणी की थी. आयोग ने विजयवर्गीय को आचार संहिता के दौरान सार्वजनिक तौर पर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करने की हिदायत दी.
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मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर तीन नवंबर को उपचुनाव होने हैं. इसको लेकर चुनाव प्रचार जोरशोर से चल रहा है. कांग्रेस के 28 विधायकों के इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने के कारण इन सीटों पर उपचुनाव हो रहा है. दोनों दलों के नेताओं की ओर से लगातार अमर्यादित बयान सामने आ रहे हैं.
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