मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) ने रविवार को भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस आरोप को खारिज कर दिया कि उन्हें कांग्रेस नेता द्वारा "कुत्ता" कहा गया था. कमलनाथ ने समाचार एजेंसी एएनआई से ग्वालियर में प्रेस वार्ता के दौरान कहा, "शनिवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मैंने उन्हें अशोकनगर में एक कुत्ता कहा था. मैंने उन्हें न तो कुत्ते के रूप में संबोधित किया था और न ही मैं ऐसा करूंगा, अशोकनगर के लोग इस बात के गवाह हैं."
मध्य प्रदेश के उपचुनावों में शनिवार को भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दावा किया कि पूर्व सीएम कमलनाथ जो पहले से ही एक महिला राजनेता को "आइटम" कहने पर विवादों में हैं उन्होंने अब उन्हें "कुत्ता" कहा है.
सिंधिया ने चुनाव अभियान रैली में अपने पूर्व कांग्रेस सहयोगी पर निशाना साधते हुए कहा था, "कमलनाथ जी यहां अशोकनगर आए और मुझे कुत्ता कहा. हां कमलनाथ जी, मैं कुत्ता हूं, क्योंकि जनता ही मेरी स्वामी है. हां, मैं एक कुत्ता हूं, क्योंकि एक कुत्ता अपने मालिक की रक्षा करता है."
इसके बाद कमलनाथ के प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री ने सिंधिया या किसी अन्य नेता के लिए इस तरह के शब्द का इस्तेमाल नहीं किया. नरेंद्र सलूजा ने कहा था, "कमलनाथ ने अपने भाषणों में कभी किसी के लिए इस शब्द का इस्तेमाल नहीं किया."
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हालांकि, सिंधिया की क्लिप वायरल होने के कुछ ही समय बाद, एक अन्य वीडियो सामने आया, जिसमें कांग्रेस के आचार्य प्रमोद कृष्णम ने उसी क्षेत्र में एक रैली में बोलते हुए कहा, "जब कमलनाथ जी यहां माफिया डॉन के खिलाफ कार्रवाई करने की कोशिश कर रहे थे, तो कुछ लोगों ने वफादार कुत्तों की तरह उनकी रक्षा की." उन्होंने सिंधिया का नाम नहीं लिया.
इससे पहले शनिवार को कमलनाथ अपने कुछ विवादित बयानों के चलते स्टार कैंपेनर विशेषाधिकार छीने जाने के बाद चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट ले गए. जिनमें से एक बयान इमरती देवी को लेकर भी दिया था जिसमें उन्होंने इमरती देवी को आइटम कहा था.
इसके बाद उन्होंने एक रैली के दौरान शिवराज सिंह चौहान को नौटंकी कलाकार बताया था और कहा था कि उन्हें मुंबई में फिल्मों में काम करना चाहिए. उन्होंने शिवराज सिंह पर हमला करते हुए कहा था, 'आपका भगवान तो वो माफिया है जिससे आपने मध्य प्रदेश की पहचान बनाई, आपका भगवान तो मिलावटखोर है.'
मध्य प्रदेश विधानसभा की 28 खाली सीटों को भरने के लिए 3 नवंबर को उपचुनाव हो रहे हैं. इनमें से अधिकांश खाली हो गए जब कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस साल की शुरुआत में विद्रोह किया और 22 विधायकों को साथ लेकर भाजपा का दामन थामा.
कमलनाथ की कांग्रेस नीत सरकार गिर गई और भाजपा सत्ता में लौट आई. भाजपा को सत्ता में बने रहने के लिए इनमें से कम से कम आठ सीटें जीतने की जरूरत है. यदि सभी कांग्रेस सभी 28 को जीतने में कामयाब होती है, तो यह वापसी का प्रयास कर सकती है.
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