बीजेपी से ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को पार्टी ज्वाइन करते ही राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Election) के लिए उम्मीदवार घोषित कर दिया गया है. इसके अलावा हर्ष चौहान (Harsh Chauhan) को भी उम्मीदवार बनाया जा सकता है. पार्टी ने चौहान की उम्मीदवारी की फिलहाल आधिकारिक घोषणा नहीं की है. मध्यप्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होना है. ज्योतिरादित्य ने आज ही कांग्रेस (Congress) को अलविदा कहकर बीजेपी (BJP) की सदस्यता ले ली है. वे बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हुए.
बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक मंगलवार को हुई. इस बैठक में विभिन्न राज्यों में राज्यसभा चुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा हुई. मध्यप्रदेश में कुल 11 राज्यसभा सीटें हैं जिनमें से तीन सीटें अप्रैल 2020 में रिक्त हो रही हैं. यह तीन सीटें कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह और बीजेपी के सांसद प्रभात झा व डॉ सत्यनारायण जटिया का कार्यकाल समाप्त होने से रिक्त हो रही हैं. राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तरीख 13 मार्च है. चुनाव 26 मार्च को होगा.
कौन हैं हर्ष सिंह चौहान?
ज्योतिरादित्य के अलावा हर्ष सिंह चौहान को बीजेपी उम्मीदवार घोषित कर सकती है. हर्ष सिंह चौहान आईआईटी दिल्ली से पढ़े हैं और वनवासी कल्याण परिषद और आरएसएस से जुड़े हैं. झाबुआ में उन्होंने पानी पर बहुत काम किया है. उन्होंने शिवगंगा अभियान चलाया. वे धार से लोकसभा चुनाव हार चुके हैं. इनके पिताजी भारत सिंह चौहान भी जनसंघ में थे. हर्ष सिंह इंदौर के निवासी हैं.
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मध्यप्रदेश के कांग्रेस के युवा और प्रभावी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने बुधवार को आखिरकार कांग्रेस (Congress) का दामन छोड़ दिया और बीजेपी (BJP) में शामिल हो गए. मध्यप्रदेश में करीब एक सप्ताह से उथल-पुथल जारी थी. इसके बाद सिंधिया ने राजनीतिक भूचाल लाने वाला फैसला ले लिया.
बीजेपी की विधिवत सदस्यता लेने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ''अब कांग्रेस वह पार्टी नहीं रही, जो पहले थी. इस माहौल में जहां राष्ट्रीय स्तर पर ऐसी स्थिति हो गई है तो मेरे गृह राज्य में क्या हाल होगा. हमने एक सपना देखा था, जब 2018 में वहां कांग्रेस की सरकार बनी थी. लेकिन 18 महीने में वह सपने पूरी तरह से बिखर गया.''
49 साल के ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछले 18 साल से कांग्रेस में थे. वे लंबे समय से कांग्रेस में नाराज चल रहे थे. अटकले हैं कि बीजेपी सिंधिया को मध्यप्रदेश से राज्यसभा में भेजने के साथ-साथ केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री पद भी दे सकती है. राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर ही इस सियासी घटनाक्रम को देखा जा रहा है. मंगलवार को सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.
गौरतलब है कि सिंधिया के खेमे के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. इससे कमलनाथ सरकार पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं. वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री कमलनाथ का दावा है कि उनके पास बहुमत का आंकड़ा है और उनके विधायकों को कैद कर लिया गया है.
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