बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (BJP MP Jyotiraditya Scindia) ने बुधवार को राज्यसभा में वित्त विधेयक (Finance Bill Rajya sabha) पर चर्चा के दौरान विपक्षी दलों पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने पेट्रोल-डीजल की कीमत (Petrol Diesel Price) के बहाने महाराष्ट्र सरकार पर तीखा प्रहार किया. सिंधिया ने महाराष्ट्र (Maharashtra) में गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते हुए कहा कि 3-4 दिन से ऐसी खबरें हैं कि महाराष्ट्र सरकार 100 करोड़ रुपया निकाल रही है. ये सिर्फ महाराष्ट्र के गृह मंत्री द्वारा किया जा रहा है, पहले आप सौ करोड़ का हिसाब दो. महाराष्ट्र में ही पेट्रोल डीजल पर सबसे ज्यादा टैक्स लगने के कारण सर्वाधिक कीमत है.
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टोकाटोकी के बीच राज्यसभा सांसद ने कहा कि मेरा मुंह मत खुलवााओ. सिंधिया ने कहा, पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़े हैं, यह मुद्दा यहां उठाया गया है लेकिन जो कीमतों में बढ़ोतरी हुई है उसका बंटवारा क्या है. पेट्रोल-डीजल पर होने वाला खर्च अगर आप निकाल दो तो खर्च निकालने के बाद 40 फ़ीसदी कर राज्यों के मिलता है और 60% हिस्सा केंद्र सरकार के पास जाता है. वित्त आयोग की सिफारिशों के मुताबिक केंद्र के हिस्से का 42 फ़ीसदी हिस्सा भी राज्यों के पास जाता है.
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पूर्व कांग्रेस नेता ने कहा, असलियत यह है कि राज्यों को पेट्रोल-डीजल के टैक्स का कुल 64 फ़ीसदी हिस्सा मिलता है. राज्य सरकार क्यों नहीं कीमतें घटाती हैं? महाराष्ट्र में पेट्रोल-डीजल की कीमत सबसे ज्यादा हैं. जिनके घर शीशे के हो वह दूसरों पर पत्थर नहीं फेंका करते. पिछले 8 महीने में भारत सरकार ने कोरोनावायरस से निपटने के लिए 27 लाख करोड़ यानी GDP का 14 फ़ीसदी आवंटित किया है.
इससे पहले, विपक्ष ने सरकार की आर्थिक नीतियों की तीखी आलोचना की. कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, कोरोना के पहले ही अर्थव्यवस्था पटरी से उतर चुकी थी. केंद्र सरकार नाकामियों को छिपाने के लिए कोरोना की आड़ ले रही है. हुड्डा ने आरोप लगाया कि गलत नीतियों के कारण अर्थव्यवस्था महामारी के पहले ही खराब दौर से गुजर रही थी लेकिन स्थिति में सुधार के लिए बजट में कोई खास प्रावधान नहीं किया गया.
हुड्डा ने कहा कि कोरोना के पहले की आठ तिमाहियों में विकास दर (GDP Growth Rate) 8 से घटकर 3 प्रतिशत पर आ गई थी. UPA सरकार के 10 साल के कार्यकाल में जीडीपी की औसत वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत थी. कांग्रेस नेता ने कहा कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में जीडीपी की औसत दर 6.8 प्रतिशत रही है. निवेश की दर जो पिछली सरकार के समय 14 प्रतिशत थी, वह घटकर 2 प्रतिशत रह गई. वहीं बैंकों से ऋण की दर 13 प्रतिशत से घटकर 9 प्रतिशत रह गई. निर्यात के लिहाज से इस सरकार का प्रदर्शन काफी खराब रहा और यह दर 21से घटकर 3 प्रतिशत हो गयी.
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