नई दिल्ली:
जस्टिस तीर्थ सिंह ठाकुर देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। चीफ जस्टिस एचएल दत्तू ने जस्टिस तीर्थ सिंह ठाकुर को अगला चीफ जस्टिस बनाने के लिए केंद्र सरकार को सिफारिश भेज दी है।
जस्टिस ठाकुर सुप्रीम कोर्ट में सीनियर जज हैं और सीनियर जज ही चीफ जस्टिस बनते हैं। केंद्र सरकार अब ये सिफारिश राष्ट्रपति को भेजेगी और उनके साइन के बाद जस्टिस ठाकुर चीफ जस्टिस बनेंगे। जस्टिस दत्तू आगामी दो दिसंबर को रिटायर हो रहे हैं।
जस्टिस ठाकुर देश के 43वें प्रधान न्यायाधीश होंगे। उनका जन्म 4 जनवरी, 1952 को हुआ था और उन्होंने बतौर वकील अक्टूबर, 1972 में अपना रजिस्ट्रेशन कराया और जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में दीवानी, फौजदारी, टैक्स, सांविधानिक मामलों तथा नौकरी से संबंधित मामलों में वकालत शुरू की।
इसके बाद उन्होंने अपने पिता प्रसिद्ध अधिवक्ता स्व डीडी ठाकुर के चैंबर में काम शुरू किया। न्यायमूर्ति ठाकुर के पिता भी जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के जज और फिर केंद्रीय मंत्री रह चुके थे।
जस्टिस ठाकुर को 17 नवंबर, 2009 को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया। देश के प्रधान न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल एक साल से कुछ अधिक 4 जनवरी, 2017 तक रहेगा।
63-वर्षीय ठाकुर ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी प्रकरण में फैसला सुनाने वाली पीठ की अध्यक्षता की थी। बहुचर्चित शारदा चिटफंड घोटाले के मामले की जांच की निगरानी भी न्यायमूर्ति ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ही कर रही है। (इनपुट भाषा से)
जस्टिस ठाकुर सुप्रीम कोर्ट में सीनियर जज हैं और सीनियर जज ही चीफ जस्टिस बनते हैं। केंद्र सरकार अब ये सिफारिश राष्ट्रपति को भेजेगी और उनके साइन के बाद जस्टिस ठाकुर चीफ जस्टिस बनेंगे। जस्टिस दत्तू आगामी दो दिसंबर को रिटायर हो रहे हैं।
जस्टिस ठाकुर देश के 43वें प्रधान न्यायाधीश होंगे। उनका जन्म 4 जनवरी, 1952 को हुआ था और उन्होंने बतौर वकील अक्टूबर, 1972 में अपना रजिस्ट्रेशन कराया और जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में दीवानी, फौजदारी, टैक्स, सांविधानिक मामलों तथा नौकरी से संबंधित मामलों में वकालत शुरू की।
इसके बाद उन्होंने अपने पिता प्रसिद्ध अधिवक्ता स्व डीडी ठाकुर के चैंबर में काम शुरू किया। न्यायमूर्ति ठाकुर के पिता भी जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के जज और फिर केंद्रीय मंत्री रह चुके थे।
जस्टिस ठाकुर को 17 नवंबर, 2009 को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया। देश के प्रधान न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल एक साल से कुछ अधिक 4 जनवरी, 2017 तक रहेगा।
63-वर्षीय ठाकुर ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी प्रकरण में फैसला सुनाने वाली पीठ की अध्यक्षता की थी। बहुचर्चित शारदा चिटफंड घोटाले के मामले की जांच की निगरानी भी न्यायमूर्ति ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ही कर रही है। (इनपुट भाषा से)
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